देहरादून : कोविड या अन्य बीमारियों के कारण अनाथ हुए बच्चों के संरक्षण के मद्देनजर उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना को सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लांच कर दिया है। इसके तहत बच्चों को 21 साल की उम्र तक हर माह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

वातसल्य योजना के तहत माता-पिता और अभिभावक को खो चुके बच्चों के अलावा माता-पिता में से एक को खो चुके बच्चों को प्रतिमाह तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता 21 वर्ष की आयु तक दी जाएगी। ऐसे बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य समेत अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी। ऐसे बच्चों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सभी जिलों के उनकी देखभाल, पुनर्वास, चल-अचल संपत्ति और उत्तराधिकारों की रक्षा के लिए संरक्षक अधिकारी नामित किए गए हैं।

वर्तमान में माता-पिता में से किसी एक कमाऊ सदस्य की मृत्यु से प्रभावित बच्चों की संख्या 2196 है। कोविड से माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों की संख्या है 68 है, जिनमें 29 बालक और 39 बालिकाएं हैं। कोविड से माता-पिता संरक्षक में से किसी एक की मृत्यु से प्रभावित होने वाले बच्चों की संख्या 1489 है, जिनमें 776 बालक और 713 बालिकाएं हैं।

योजना के तहत प्रथम चरण में 1062 बच्चों को माह जुलाई की तीन हजार रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में हस्तांतरित की गई। जिलेवार लाभान्वित बच्चों में अल्मोड़ा से 49, बागेश्वर से 22, चमोली से 28, चंपावत से 59, देहरादून से 123, हरिद्वार से 70, नैनीताल से 146, पौड़ी से 122, रुद्रप्रयाग से 54, उद्यमसिंहनगर से 79, टिहरी से 132, पिथौरागढ़ से 41 और उत्तरकाशी से 137 बच्चे शामिल हैं। कार्यक्रम में महिला सशक्तीकरण और बाल विकास मंत्री रेखा आर्य, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी मौजूद थे।

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