चमोली: प्रदेश में बारिश आफत बनकर टूट रही है। वहीं, चमोली के जोशीमठ-नीती बॉर्डर मार्ग पर तमक (मरखुडा) गांव के पास भूस्खलन होने से यातायात तीन दिन से बाधित हो रखा है। जिससे कई गांवों का संपर्क कट चुका है। ग्रामीणों तक रोजमर्रा की सामग्री और रसद नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में ग्रामीणों ने सरकार से यहां हेली सेवा की मांग की है।

गौर हो कि जोशीमठ-नीती बॉर्डर मार्ग जोशीमठ से 37 किमी नीती की ओर तमक (मरखुडा) गांव के पास बाधित हुआ है। यहां पर लैंडस्लाइल जोन बन गया है। जिससे मार्ग बार-बार बाधित हो रहा है। वहीं, बीआरओ के द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन लगातार हो रहे भूस्खलन और पहाड़ी से गिर रहे बोल्डरों के कारण मार्ग खोलने में दिक्कतें पेश आ रही हैं। बीते तीन दिनों से बॉर्डर रोड बाधित है।

वहीं, मार्ग के बाधित होने से ग्रामीणों ने घाटी में सड़क खुलने तक सरकार से मूलभूत जरूरतों की पूर्ति के लिये हेली सेवा शुरू करने की मांग की है। बॉर्डर सड़क बंद होने के चलते सेना को रसद सामग्री पहुंचाने वाले वाहन और स्थानीय लोगों के वाहन भी मार्ग पर फंसे हुए हैं।

उधर, घाटी के तमक, जुमा, कागा, गरपक, रविंग, द्रोणागिरी, जेलम, भपकुंड, कोषा, मलारी, कैलासपुर, मेहरगाव, कुरगति, फरक्या गांव, बाम्पा, गमशाली और नीती गांवों में सड़क के साथ-साथ दूरसंचार, बिजली न होने से भी लोग परेशान हैं। दरसअल, भूस्खलन की चपेट में आकर बिजली के पोल उखड़ गए हैं, जिससे यहां विद्युत आपूर्ति भी नहीं हो पा रही है।

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