देहरादून: उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव-2022 से पहले प्रदेश सरकार भू-कानून लागू करने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उनकी कोशिश है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही प्रदेश में भू-कानून लागू किया जाए।

इस संबंध में गठित कमेटी की रिपोर्ट मिलते ही सरकार इस पर निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि श्रम विभाग एवं सन्निर्माण बोर्ड में हुए घोटाले के दोषियों के खिलाफ भी सरकार सख्त कार्रवाई करने जा रही है। कहा कि भू-कानून, उत्तराखंड के लोगों की मांग और क्षेत्रीय अस्मिता से जुड़ा मुद्दा है। इस पर सरकार बेहद गंभीर है। इस संबंध में गठित कमेटी में विशेषज्ञों को रखा गया है।

वे गंभीरता से इससे जुड़े हर विषय का अध्ययन कर रहे हैं। जैसे ही कमेटी अपनी रिपोर्ट देती है सरकार तुरंत ही भू-कानून को लेकर निर्णय लेगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भूस्खलन एवं आपदा की बढ़ती घटनाओं को लेकर सरकार चिंतित है। हमने तय किया है कि भूस्खलन प्रभावित हर इलाके का भूगर्भीय सर्वे किया जाएगा। चार धाम के साथ ही धारचूला, पिथौरागढ़, चम्पावत की ऑल वेदर रोड सहित प्रदेश के सबसे संवदेनशील इलाकों को चिह्नित किया जा रहा है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले से ही कर रहे हैं भू कानून का विरोध

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले कई बार कह चुके हैं कि जो भू कानून पहले से बनाया गया है उसमें छेड़छाड़ करना ठीक नहीं है क्योंकि त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री के बाद इन्वेस्टर समिट कर कई उद्योगपतियों को उत्तराखंड में आमंत्रित कर चुके हैं और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पहल पहले से ही उत्तराखंड में युवाओं को रोजगार मिल सके इसके पक्ष में त्रिवेंद्र सिंह रावत पहले से ही उद्योगपतियों को उत्तराखंड में आमंत्रित करते आए हैं।

और उनका कहना है कि अगर मैं भू कानून लागू होता है तो जो उद्योगपति हैं वह छोड़ कर भाग जाएंगे या कई जो उद्योगपति उत्तराखंड में छोटी-छोटी उद्योग लगाना चाहते हैं जिससे कि युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा सके वह उद्योग भी उत्तराखंड में नहीं लग पाएगा

अब देखना है कि क्या मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किस तरीके से इस कानून को लागू करते हैं यह क्या वह त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ बात कर कानून को बनाएंगे यह बड़ा सवाल होगा

 

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