हम सभी ने इंसानों को गुदगुदी महसूस करते हुए तो देखा है और खुद ने भी महसूस किया है, लेकिन क्या कोई यह कल्पना कर सकता है कि पेड़ों को भी गुदगुदी होती है। यह सच है कि एक पेड़ ऐसा भी है,जिसे छूने मात्र से ही उसे गुदगुदी होती है और वह खिलखिला उठता है। आज हम आपको ऐसे ही एक पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

यह पेड़ अपने ही देश में दुधवा टाइगर रिजर्व के कर्तनिया घाट वन्यजीव विहार में पाया जाता है। लॉफिंग ट्री के नाम से प्रसिद्ध इस दुर्लभ पेड़ को हैरिटेज ट्री का नाम दिया गया है। इसका वानस्पतिक नाम रंडिया डुमेटोरम है। यह रूबीएसी प्रजाति का पेड़ है, जो 300 से 1300 मीटर की उंचाई पर पाया जाता है।

दुधवा टाइगर रिजर्व का वातावरण रहस्य और रोमांच से भरा है। यहां 75 प्रजातियों के वृक्ष, 21 प्रकार की झाड़ियां, 77 प्रजातियों की घासों के अलावा 179 प्रजातियों के जलीय पौधे हैं। इन्हीं में लॉफिंग ट्री भी है, जो कर्तनिया घाट वन्यजीव विहार में उपलब्ध है। यह पेड़ इंसानों जैसी हरकत करता है। इसका तना सहलाने पर इसे  गुदगुदी होने लगती है और मचलने लगता है।

यह पेड़ कर्तनियाघाट रेंज परिसर मार्ग के दायीं ओर लगा है। इस पेड़ की खासियत यह है कि इसका तना सहलाने पर इसकी टहनियां और पत्ते हिलने लगते हैं और खिलखिलाने जैसी आवाज आती है। इसलिए इसे गुदगुदी वाला पेड़ भी कहा जाता है। दुधवा टाइगर रिजर्व में अभी यह दुर्लभ पेड़ सिर्फ कर्तनियाघाट में ही मिला है। इस पेड़ के गुण धर्म और औषधीय उपयोगिता को लेकर कई लोग अध्ययन कर रहे हैं।
दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक बताते हैं कि दुधवा आने वाले सैलानी इस अद्भुत पेड़ को देखकर हैरत में पड़ जाते हैं। टाइगर रिजर्व में जिस तरह यहां का प्राकृतिक सौंदर्य और दुर्लभ जीव सैलानियों को आकर्षित करते हैं, उसी तरह लॉफिंग ट्री या गुदगुदी वाला पेड़ भी आकर्षण का केंद्र है।

युवराजदत्त महाविद्यालय में वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ. डीके सिंह का कहना है कि प्राणियों की तरह पेड़-पौधों में भी जीवन होता है। कुछ पेड़ों में जीवों की तरह संवेदनशीलता भी होती है, जिसके कारण उन्हें छूने पर प्रतिक्रिया होती है जैसे छुई मुई का पौधा। इसे छूने पर कुछ देर के लिए पत्तियां सिकुड़ जाती हैं। ऐसा लगता है जैसे छू लेने से पौधा शरमा गया हो। यही संवेदनशीलता लाफिंग ट्री में भी है। इस कारण छूने पर इसे गुदगुदी का एहसास होता है।

लाफिंग ट्री उत्तराखंड के कालाढूंगी के जंगलों में भी पाया जाता है, जहां इसे थनेला नाम से जाना जाता है। एक तरफ जहां यह पेड़ पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, वहीं दूसरी ओर इस पेड़ की अनोखी हरकतों के बारे में वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहे हैं। वैज्ञानिक इस पेड़ के बारे में यह जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कि आखिर क्या कारण है कि इस पेड़ को सहलाने पर पेड़ की टहनियां हिलने लगती है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here