वाशिंगटन : कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले में वैक्सीन कारगर पाई जा रही हैं। वैक्सीन लगने से न सिर्फ गंभीर संक्रमण बल्कि मौत का खतरा भी काफी हद तक कम हो जाता है। यह बात कई अध्ययनों में सामने आ चुकी है। अब अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी सेंटर्स फार डिजीज कंट्रोल एंडी प्रीवेंशन (सीडीसी) ने तीन अध्ययनों के नतीजों को जारी कर कोरोना के खिलाफ टीका लगवाने पर जोर दिया है।

इन अध्ययनों के अनुसार, टीका नहीं लगवाने वालों के लिए कोरोना संक्रमण ज्यादा घातक हो सकता है। ऐसे लोगों में मौत का खतरा 11 गुना ज्यादा हो सकता है।ये तीनों अध्ययन अमेरिका में किए गए। इन अध्ययनों में गत अप्रैल से जुलाई के दौरान 13 अमेरिकी प्रांतों में कोरोना के 60 हजार से ज्यादा मामलों पर गौर किया गया। उन लोगों पर खासतौर पर ध्यान दिया गया, जिनका टीकाकरण पूरा नहीं हुआ था। वैक्सीन लगवाने वाले लोगों की तुलना में टीका नहीं लगवाने वालों में कोरोना संक्रमण का खतरा साढ़े चार गुना अधिक पाया गया।

ऐसे कोरोना पीडि़तों को अस्पताल में भर्ती करने का जोखिम दस गुना ज्यादा पाया गया। जबकि मौत का खतरा 11 गुना अधिक पाया गया। कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के कहर के बावजूद वैक्सीन काफी प्रभावी पाई गई हैं। वैक्सीन लगने से 65 वर्ष से ज्यादा उम्र वाले लोगों को अस्पताल में भर्ती करने का खतरा 80 फीसद तक कम पाया गया। जबकि 18 से 64 वर्ष के उम्र वालों में यह खतरा 95 फीसद तक कम मिला। सीडीसी की निदेशक रोशेल वालेंस्की ने शुक्रवार को कहा, एक के बाद अध्ययनों से हमने साबित किया है कि वैक्सीन काम कर रही हैं।

कोरोना महामारी के प्रसार के बावजूद दुनिया के तमाम देश अब प्रतिबंधों में ढील देने लगे हैं। इसके चलते कोरोना के मरीजों में बढ़ोतरी हो रही है। जान्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, वैश्विक कोरोना वायरस केस लोड अब 223.7 मिलियन से ऊपर पहुंच चुका है, जबकि मौतें 4.61 मिलियन से अधिक हो चुकी हैं। अब तक दुनिया में टीकाकरण 5.64 बिलियन से अधिक हो गया है।

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