पिथौरागढ़ में सोमवार को सेना क्षेत्र में 15वें सूर्य किरण ऑपरेशन के तहत भारत-नेपाल की सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू हो गया। इससे पहले रविवार को दोनों देशों के अधिकारी और सैनिक एक दूसरे से रूबरू हुए। युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देश के सैनिक आतंकवादी गतिविधियों से निपटने और हथियार संचालन के गुर सीखेंगे।

इससे पहले शनिवार को नेपाल के 300 अधिकारियों और सैनिकों का सेना छावनी में पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। नेपाल सेना के दल में 18 अधिकारी, 15 जूनियर कमीशन ऑफिसर और 267 सैनिक शामिल हैं।

सेना क्षेत्र में 15-ऑपरेशन सूर्यकिरण का शुभारंभ 20 सितंबर को सेना के ले.जनरल एसएस महल ने किया। युद्धाभ्यास की तैयारियों में जुटे सैन्य अधिकारी ने बताया कि इस युद्धाभ्यास में नेपाल से 300 और भारत से 350 सैनिक हिस्सा लेंगे। संयुक्त युद्धाभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिक युद्ध कौशल के साथ युद्ध तकनीक का आदान-प्रदान करेंगे।

दोनों सेनाएं एक-दूसरे के हथियारों, उपकरणों, रणनीति, तकनीकों और पहाड़ी इलाकों में आतंकवादरोधी प्रक्रियाओं से परिचित होंगी। इसके अलावा, मानवीय सहायता और आपदा राहत, उच्च इलाकों में युद्ध, जंगल युद्ध आदि का भी अभ्यास किया जाएगा। युद्धाभ्यास से पहाड़ी इलाकों में उग्रवाद का मुकाबला करने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। सैन्य अभ्यास 14 दिन तक चलेगा। दोनों देशों के बीच मैत्री संबंध प्रगाढ़ बनाने में भी ऑपरेशन सूर्य किरण मददगार होगा।

सेना के अधिकारी का कहना है कि यह संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने के साथ ही दोनों देशों के बीच पारंपरिक दोस्ती को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इससे पूर्व सूर्यकिरण 2019 में नेपाल में आयोजित किया गया था।

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