देहरादून : गांव-गांव कांग्रेस अभियान के तहत मिले रिस्पांस से कांग्रेस नेता गदगद हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत ने नवरात्र पर्व के दौरान दो दिन और अपने गांव में रहने का निर्णय किया है। गांव में रावत मां दुर्गा और लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद मांगेगे। साथ ही कहा कि चुनाव से पहले तक इस प्रकार के रचनात्मक कार्यक्रम का सिलसिला लगातार जारी रहना चाहिए।

खासकर इस दौरान भारतीय सेना की वर्ष 1971 की महान सर्जिकल स्ट्राइक को याद करते हुए पूर्व सैनिकों के सम्मान कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह भी दी। मालूम हो कि वर्ष 1971 में भारतीय सेना के अदम्य शौर्य की बदौलत पाकिस्तान दो टुकड़े हो गया था और दुनिया की नक्शे पर बांग्लादेश नए देश के रूप में अस्तित्व में आया था।
दूसरी तरफ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी दो दिन तक प्रदेश की 670 न्याय पंचायतों में ग्रामीणों के बीच रहकर पार्टी की नीतियों का प्रचार-प्रसार करने वाले नेताओं आभार जताया। और साथ जुड़े ग्रामीणों का भी धन्यवाद दिया।

बकौल गोदियाल, कांग्रेस सदा से आम आदमी के हितों के लिए संघर्ष करती रही है और आगे भी यह सिलसिला सदैव जारी रहेगा। दोनों नेताओं ने सुबह सुबह सोशल मीडिया के जरिए अपने मन की बात रखी। रावत ने कहा कि  मैंने सुबह-सुबह गांव की हरियाली को देखकर निश्चय किया है कि माँ के नवरात्रों में भी मैं 2 दिन अपने गांव में रहूंगा, अपने गांव व अड़ोस-पड़ोस के लोगों के साथ एक दिन माँ का भंडारा कर माँ का कीर्तन करूंगा।

मां का स्मरण करूंगा और ग्राम लक्ष्मी का आवाहन करूंगा कि मां हमारे गांव में आकर फिर से अपनी कृपा की छांव प्रदान करो। चुनाव से पहले रचनात्मक कार्यक्रमों की यह श्रृंखला रुकनी नहीं चाहिए। हर माह ग्राम भ्रमण का एक कार्यक्रम कांग्रेसजनों को अपने हाथ में लेना चाहिए। रावत ने कहा कि देवी के  वीर स्वरूप का स्मरण कर व्यक्ति अपने जीवन को सार्थक करता है तो हम सैनिक सम्मान का अभियान इसके साथ जोड़ें। बांग्लादेश के गठन का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि 1971 में देश के वीर जवानों ने महानतम सर्जिकल स्ट्राइक की। जिसमें दुनिया के नक्शे पर भारत के वीर जवानों ने एक नए देश को बनाया। उस उपलक्ष्य में इस नवरात्रियों में हम गांव-गांव जाकर अपने पूर्व सैनिकों और सैनिकों परिवारों का सम्मान करें।

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