यूपी के लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुए हादसे की आग उत्तराखंड में भी फैल गई है। प्रदेश में किसानों ने बाजपुर, काशीपुर, रुद्रपुर, किच्छा आदि शहरों में विरोध किया। उन्होंने केंद्र एवं यूपी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। किसानों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र की हत्या की है।

उन्होंने मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की। इस दौरान किसानों का एक जत्था लखीमपुर में घटनास्थल के लिए रवाना हुआ। लखीमपुर के लिए निकले किसान नेता प्रीतम सिंह संधू ने बताया कि लोकतंत्र की रक्षा करने वालों ने किसानों की बेरहमी से हत्या की है जिसका पूरे देश को दुख है। पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की मांग की जाएगी।

विरोध के बाद किसानों ने रुद्रपुर के लिए कूच कर दिया। आक्रोशितों ने कहा कि किसानों की हक के लिए लड़ाई जारी रहेगी। धरना देने वालो में जगरूप सिंह गिल, प्रभजोत सिंह, कर्मजीत सिंह, कांग्रेस नगर अध्यक्ष अरुण तनेजा, संजीव सिंह, नारायण सिंह बिष्ट, सुरेश पपनेजा आदि थे।  बाजपुर तथा गदरपुर क्षेत्र के तराई किसान संघ के आव्हान पर सोमवार को बाजार बंद कराए जाएगा।

तराई किसान संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह गोराया ने व्यापार मंडल तथा प्रशासन को चेतावनी देते हुए बताया की बाजार बंद के दौरान कोई भी घटना होती है तो जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। उन्होंने गदरपुर ब्लॉक तथा बाजपुर ब्लॉक से सैकड़ों किसानों का जत्था घटनास्थल लखीमपुर तिकुनिया को कुच करेंगे। कहा कि किसानों के साथ बर्बता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

राज्य के चीनी व गन्ना उद्योग मंत्री यतीश्वरानंद का सितारगंज चीनी मिल दौरा रद्द हो गया है। स्वामी यतीश्वरानंद सोमवार को सितारगंज चीनी मिल के निरीक्षण का कार्यक्रम था। रविवार को यूपी में किसान आंदोलन में किसानों की मौत से तराई के किसानों में भी जबरदस्त आक्रोश है। समझा जा रहा है कि किसानों के आक्रोश को भांपते हुए गन्ना मंत्री का दौरा रद्द कर दिया है। किसान आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। जिला प्रशासन का दावा है कि जिले में शांति व्यवस्था बनाई रखी जाएगी और किसी भी तरह की अप्रिय घटना को नहीं होने दिया जाएगा।

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