रुड़की: उत्तराखंड जो कि वीर भूमि के नाम से भी जानी जाती है। क्योंकि यहां के जांबाज युवा देश की अलग-अलग अग्रिम पोस्टों पर तैनाती और किसी भी मौसम की फिक्र किए बिना देश की रक्षा में तैनात रहते हैं। ऐसे वीर जवानों को हम शत शत नमन करते हैं। वहीं आपको बता दे की देश की सेवा करते हुए उत्तराखंड का एक और लाल शहीद हो गया। देवभूमि उत्तराखंड के लिए यह दुःखद खबर गुवाहाटी से आ रही है। जहां एक और देवभूमि के लाल ने देश की सेवा करते हुए वतन के लिए अपने प्राण का बलिदान दिया है। रुड़की निवासी वीर जवान ने महज 38 साल की उम्र में देश के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। जवान बेटे की खबर से शहीद के परिवार में कोहराम मचा है।

आपको बता दें कि रुड़की के धनोरा निवासी 38 वर्षीय सोनित कुमार सैनी के गुवाहाटी में शहीद होने का समाचार मिलने से घर में मातम छाया हुआ है। 20 दिन पूर्व छुट्टी मनाने के बाद अपनी ड्यूटी पर पहुंचे सोनित कुमार सैनी 22 सितंबर को आर्मी के जवानों के साथ गाड़ी में गुवाहाटी से अन्य स्थान पर जा रहे थे कि अचानक गाड़ी पलटने से वह गंभीर घायल हो गए थे। आर्मी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था जहां 11 अक्टूबर की शाम को उनका निधन हो गया है। सोनित कुमार सैनी की शादी देवबंद निवासी रूबी सैनी के साथ हुई थी जिनके दो बेटे शौर्य 12 साल व सौरभ 8 साल है। शहीद सोनित कुमार सैनी का पार्थिव शरीर 14 अक्टूबर को उनके पैतृक गांव धनौरी लाया जाएगा। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

साथ ही आपको बता दें कि 10 अक्टूबर को सियाचिन में पौड़ी के 24 वर्षीय विपिन सिंह गुसाईं अपना फर्ज निभाते हुए शहीद हो गए थे। वह पौड़ी जिले के ग्राम धारकोट के रहने वाले थे। शहीद विपिन 57 बंगाल इंजीनियरिंग में तैनात थे। शहीद विपिन सिंह गुसाईं को कल उनके गांव पौड़ी जिले के पाबौ विकासखंड के धारकोट में पार्थिव शरीर पहुंच था। जिसके बाद उनको सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद के गांव पहुंचकर शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। पहले शहीद विपिन सिंह गुसाईं और आज शहीद सोनित कुमार सैनी की खबर से प्रदेश में शोक की लहर है।

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