देहरादून : पतित पावनी मां गंगा का आशीर्वाद अब आपको घर बैठे मिल सकेगा। मिट्टी के कलश में गंगाजल घर-घर पहुंचाने की कवायद उत्तराखंड प्रदेशीय को-आपरेटिव यूनियन शुरू करने जा रही है। गंगा अमृत-गंगाजल योजना का आज दून में गृहमंत्री अमित शाह ने उद्घाटन किया। योजना का उद्देश्य कुम्हारों को बढ़ावा देने के साथ ही धार्मिक आस्था के मद्देनजर घर बैठे गंगाजल उपलब्ध कराना है।

प्रदेशीय को-आपरेटिव यूनियन के प्रबंधक दीपक मेहता ने बताया कि हिंदुओं की आस्था का केंद्र गंगा के पावन जल को घर-घर पहुंचाने के लिए गंगा अमृत-गंगाजल योजना शुरू की जा रही है। जिसके तहत प्रदेश में 100 कुम्हारों के साथ मिट्टी के कलश के लिए अनुबंध किया गया है। साथ ही महिला स्वयं सहायता समूहों को इसकी पैकिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भागीरथी और अलकनंदा के संगम स्थल देवप्रयाग में 5100 मंत्रों के उच्चारण के साथ गंगाजल कलशों में भरा जाएगा। इसके बाद मांग के अनुरूप इसे वितरित किया जाएगा। अभी गंगा कलश के दाम निर्धारित नहीं किए गए है। हालांकि, यह आधा और एक लीटर के कलश में बांटने की योजना है। दीपक मेहता ने बताया कि इस योजना से प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के साथ ही कुम्हारों की आजीविका बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है। उम्मीद है कि योजना को अच्छा रिस्पांस मिलेगा। महिला स्वयं सहायता समूह भी इसकी तैयारियों में जुट गए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संतों के साथ ही सभी राज्यों के राज्यपाल, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को पत्र भेजकर पांच नवंबर को केदारनाथ आने का न्योता दिया है। इस दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण होना है।

प्रधानमंत्री पांच नवंबर को केदारनाथ में प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास भी करेंगे। प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम को भाजपा ने शिवालयों से जोड़ा है। अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पत्र भेजकर संतों व विशिष्टजनों को न्योता दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसकी पुष्टि की। बताया गया कि सोमवार से इस सिलसिले में स्वीकृति मिलने लगेगी। इससे साफ हो सकेगा कि विभिन्न राज्यों से कौन-कौन विशिष्ट जन पांच नवंबर को केदारनाथ पहुंचेंगे।

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