देहरादून: इस साल कड़ाके की ठंड के लिए तैयार हो जाइए। देरी से विदा हुए मानसून और ‘ला नीना’ असर के कारण मौसम विभाग ने कड़ाके की ठंड की संभावना जताई गई है। इसका असर दिखना शुरू हो गया है। दीपावली की रात इस साल की सबसे सर्द रात के रूप में रिकॉर्ड की गई है। तराई से लेकर पहाड़ तक न्यूनतम तापमान में सामान्य से दो से तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है।

पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने बताया है कि नवंबर पहले सप्ताह में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो से तीन डिग्री नीचे चला गया है।

दीपावली की रात तराई का अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। यह सामान्य से दो डिग्री कम है। डॉ. आरके सिंह ने बताया है कि भारतीय मौसम विभाग ने इस साल कड़ाके की ठंड की संभावना व्यक्त की है।

देश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 03 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
ला-नीना कैसे डालता है असर? डॉ. आरके सिंह ने बताया है कि समु्द्र का पानी ठंडा होने की प्रक्रिया को ला-नीना और गर्म होने की प्रक्रिया को अल-नीनो कहते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल प्रशांत क्षेत्र में ला-नीना तेजी से उभर रहा है। इसमें समुद्र का पानी तेजी से ठंडा होना शुरू हो जाता है। इसका सीधा असर हवाओं पर पड़ता है। ला-नीना असर के कारण मौसम विभाग ने उत्तर भारत के साथ ही उत्तर पूर्व एशिया में  ठंड की चेतावनी जारी की है।

देरी से मानसून विदा होने और ला-नीना प्रभाव के कारण तापमान में तेजी से गिरावट शुरू हो गई है। तराई में आने वाले दिनों में तापमान 10 से 12 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। पहाड़ों पर भी न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है।
डॉ.आरके सिंह, मौसम वैज्ञानिक, पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय

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