देहरादून: उत्तराखंड में परिवहन विभाग ने गढ़वाल-कुमाऊं के 60 रूटों को अलाभकारी घोषित कर दिया है। ऐसे रूटों पर जिन मोटर मालिकों की बस चल रही हैं या जो भविष्य में बसें चलाएंगे, उन्हें टैक्स में 50 फीसदी छूट मिलेगी। इस पहल से न केवल मोटर मालिकों को फायदा मिलेगा, बल्कि बस सेवाएं बढ़ने से इन रूटों से जुड़े लोगों को भी लाभ  होगा।

गढ़वाल और कुमाऊं में 60 रूट ऐसे हैं, जहां मोटर मालिक बस चलाने को तैयार नहीं होते। सवारियों के अभाव में मोटर मालिकों को आर्थिक नुकसान होता है। लिहाजा, इन रूटों पर पर्याप्त बसें नहीं चलाई जा रही हैं। कुछ रूटों पर तो सभी बस सेवाएं बंद हो चुकी हैं, जिस कारण लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है।

ऐसे मिलेगी टैक्स में छूट…

आरटीओ (प्रवर्तन) देहरादून संदीप सैनी ने बताया कि अभी तक मैदानी मार्ग पर 1500 किमी तक प्रति सीट प्रति माह 100 रुपये टैक्स है। पहाड़ी मार्ग पर 50 रुपये प्रति माह है, अलाभकारी रूटों पर यह टैक्स 25 रुपये प्रतिमाह हो जाएगा।
इन मार्गों पर छूट….

देहरादूनसंभाग: देहरादून-

विकासनगर-चकराता-त्यूणी, विकासनगर-चकराता-त्यूणी-चींवा, विकासनगर-त्यूणी-अटाल, विकासनगर-चकराता-लाखामंडल, कुल्हाल-साहिया-पैनडुलानी, प्रेमनगर-विकासनगर-कालसी-नागथात-चकराता-त्यूणी, विकासनगर-कोटी-इच्छाड़ी-मीनस, प्रेमनगर-विकासनगर-यमुनाब्रिज-अलगाड़-चंदोगी-प्रेमनगर-हनुमानचट्टी वाया कालसी-बड़कोट, विकासनगर-यमुनाब्रिज-नौगांव-पुरोला-मोरी-नैटवाड़-सांकरी सौड़, विकासनगर-यमुनाब्रिज-मसूरी, विकासनगर-बड़कोट-उत्तरकाशी, पुरोडी-रावना-डामटा, त्यूणी-कथियान-दारागाड़-कैराड़, कोटी-रिजाणू, अणु-चिल्हाड़, नौगांव-पुजेली-राजगड़ी, राजस्तर-राजगड़ी, कथियान-फनारी, मुंसीघाटी-घोईरा, साहिया-उत्पाल्टा, चकराता-मंगरोली।

पौड़ी संभाग 

कोटद्वार-सतपुली-बगडेयू-बहेड़ाखाल-डांडा नागराजा, पौड़ी-कल्जीखाल-भंटी-मुंडेश्वर, पौड़ी-त्वाली-कालेश्वर, पौड़ी-ल्वाली-कालेश्वर, धूमाकोट-बमणीसैंण, कोटद्वार-सतपुली-कांडाखाल, सतपुली-दुधारखाल, कोटद्वार-रिखणीखाल, कोटद्वार-रिखणीखाल-पाणीखाल, गोपश्वर-सनोला-बछेर-पोखरी, गौचर-सिदोली, कर्णप्रयाग-पोखरी, कर्णप्रयाग-नैनीसैंण, गोपेश्वर-मलारी, रुद्रप्रयाग-चोपड़ा-गड्डिहर, चंदरनगर-भनाज, मयाली-पंजना, खिर्सू-खेड़ाखाल।
बस संचालन को प्रोत्साहन देने के लिए कदम

ऐसे रूटों पर मोटर मालिकों को बस संचालन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए परिवहन विभाग ने नई पहल शुरू की है। इसके तहत जो मोटर मालिक यहां बस चला रहे हैं या जो भविष्य में चलाना चाहते हैं, उनको टैक्स में पचास फीसदी छूट दी जाएगी। इनमें कई रूट ऐसे भी हैं, जहां छोटे वाहन चल रहे हैं, जहां खूब ओवरलोडिंग होती है। लेकिन, बस सेवाएं बढ़ने से ओवरलोडिंग पर भी काफी हद तक लगाम लग जाएगी।

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