हरिद्वार: योग गुरु स्वामी रामदेव की फोटो लगाकर नकली सेक्स वर्धक दवाएं बेचने वाले गिरोह के दो आरोपियों को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा से गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से काफी सामान भी बरामद हुआ है। पुलिस ने आरोपियों को हरिद्वार न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। वहीं, गिरोह का सरगना अभी फरार बताया जा रहा है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।

एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि 28 जुलाई 2021 को दिव्य योग मंदिर पतंजलि फेस-1 के प्रतिनिधि राजू वर्मा ने बहादराबाद थाने में शिकायत देकर मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि अश्लील वेबसाइटों पर संचालित होने वाले विज्ञापनों में सेक्स वर्धक दवा बेचने के लिए योग गुरु स्वामी रामदेव के चित्र का प्रयोग किया जा रहा है। मामले की जांच रानीपुर कोतवाल कुंदन सिंह राणा को सौंपी गई थी। छानबीन के बाद उन्होंने इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, सीडीआर लोकेशन के बाद यूपी के आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र की नीरव निकुंज कॉलोनी में चल रहे कॉल सेंटर में छापेेमारी की।

पुलिस ने आकाश शर्मा निवासी सेक्टर-8, मकान नंबर 1048, आवास-विकास कॉलोनी निकट सेंट्रल जेल, थाना जगदीशपुरा, आगरा और सतीश कुमार निवासी किशोरपुरा, थाना जगदीशपुरा, आगरा को कॉल सेंटर से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गिरोह का सरगना गजेंद्र यादव निवासी ग्राम बाईपुर थाना सिकंदरा है। वह हाल ही में अपने गांव से प्रधान पद का प्रत्याशी भी रहा था। रानीपुर कोतवाल कुंदन सिंह राणा ने बताया कि गिरोह के सरगना की तलाश की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।

आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली टीम में कोतवाल कुंदन सिंह राणा, उपनिरीक्षक विकास रावत, आरक्षी पंकज देवली, आरक्षी पद्म, विवेक यादव, सीआईयू के आरक्षी वसीम, बहादराबाद थाने में तैनात आरक्षी सुनील चौहान शामिल थे।

पुलिस ने कॉल सेंटर में छापेमारी के दौरान तीन लैपटॉप, दो लैपटाप चार्जर, तीन माउस, फर्म के दो स्टांप, पांच मोबाइल, की पैड वाले 55 मोबाइल, आठ मोबाइल चार्जर, स्वामी रामदेव के अश्लील प्रिंटेड फोटो वाले विज्ञापन, सेेक्स वर्धक दवा के ऑनलाइन डिस्पैच के लिए रखे गए छह पैकेट, 10 ब्लैंक सिम कार्ड और दैनिक उपस्थिति के लिए रखी गई शीट बरामद हुई।

योग गुरु स्वामी रामदेव के फोटो लगाकर नकली सेक्स वर्धक दवा बेचने वाला गिरोह सोशल मीडिया और अश्लील वेबसाइटों पर विज्ञापन जारी कर ग्राहक तलाशता था। विज्ञापन पर दर्ज टेलीफोन नंबरों पर ग्राहकों के फोन करने पर कॉल सीधे सेंटर में डायवर्ट होती थी। यहां से ऑर्डर बुकर कर दवाएं ग्राहकों तक भेजी जाती थीं। दव भेजने के लिए हैमर ऑफ थॉर, नव्या ग्रुप, आरके हेल्थकेयर और एसके ट्रेडर्स फर्म का प्रयोग किया जाता था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में इन बातों का खुलासा किया।

पुलिस पूछताछ के दौरान पकड़े गए आरोपियों आकाश और सतीश ने बताया कि वे काफी समय से खाली थे। इस बीच उन्होंने एक विज्ञापन देखा था। इसमें लिखा था कि नीरव निकुंज फेस-1 सिकंदरा, आगरा में स्थित एक कॉल सेंटर में ऑफिस वर्क और कॉलिंग के लिए कुछ लड़कों की आवश्यकता है। इसके बाद उन्होंने नौकरी के लिए संपर्क किया। कंप्यूटर की जानकारी होने के चलते आकाश और सतीश की नौकरी आसानी से लग गई थी।

पुलिस कंपनी के मालिक, साझेदार और गिरोह में काम करने वाले युवकों की तलाश में जुटी है। गजेंद्र यादव निवासी ग्राम बाईपुर, थाना सिकंदरा, जनपद आगरा कंपनी का मालिक है। दिलीप यादव निवासी ग्राम कुंआखेड़ा, थाना ताजगंज, जनपद आगरा सह मालिक है। राजेश यादव निवासी गांव अहीरपुरा जाट, रुणकत्ता, आगरा अन्य कार्य देखता है और बालकिशन कंपनी के प्रमुख का कार्य देखता है। इसके अलावा पीयूष निवासी गोपी नगर, बादल ठाकुर निवासी राधानगर, सिकंदरा एजेंट हैं। शरद कंपनी के विज्ञापन इलेक्ट्रानिक मीडिया में चलाने का कार्य देखता है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here