ऋषिकेश: ऋषिकेश से चीला होते हुए अपने घर बिजनौर जा रहे युवक को जंगल में सेल्फी लेना भारी पड़ गया। सेल्फी लेते समय गुलदार के हमले से बचने के लिए युवक गंगा में कूद गया। एक लक्कड़ के सहारे किनारे पहुंचा युवक दो दिन तक नीलधारा और गंगा की मुख्य धारा के बीच फंसा रहा। शनिवार को युवक को सप्तऋषि पुलिस चौकी प्रभारी ने जलपुलिस की मदद से रेस्क्यू किया। यूपी के बिजनौर क्षेत्र के नागलसोती के गांव हरचंदपुर निवासी अनुराग ऋषिकेश में रहकर गुब्बारों की डेकोरेशन का काम करता है।

बृहस्पतिवार को युवक अपने घर बिजनौर चीला के रास्ते से जा रहा था। चीला में पहुंचने पर युवक सेल्फी ले रहा था। इस बीच वहां गुलदार आ धमका। हमले से बचने के लिए युवक गंगा में कूद गया और उसका मोबाइल भी पानी में गिर गया। दो दिन तक गंगा की मुख्य धारा और नीलगंगा के बीच शदाणी घाट के पास युवक भूखा रहा। पूछताछ में युवक ने बताया कि शनिवार को उसने पिट्ठु बैग में रखी माचिस को सुखाया और लकड़ियां एकत्रित कर आग जलाई।

जगल से धुआं उठता देखकर घाट पर घूम रहे कुछ लोगों ने सप्तऋषि पुलिस चौकी प्रभारी प्रवीन रावत को सूचना दी। सूचना मिलने पर प्रवीण रावत अपनी टीम के साथ शदाणी घाट पर पहुंचे और जलपुलिस के माध्यम से गंगा की मुख्य धारा को पार कर नीलधारा की तरफ पहुंचे। इसके बाद जहां से धुआं उठ रहा था उस जगह पर पहुंचे और युवक को रेस्क्यू किया। युवक ने बताया क‌ि वह दो दिनों से जंगल में फंसा था। रात के समय पेड़ पर रहकर किसी तरह से उसने जंगली जानवरों से अपनी जान बचाई। पुलिस ने पहले उसे खाना खिलाया और परिजन को बुलाकर उसे सौंप दिया।

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