भोपाल : बुरहानपुर (मध्य प्रदेश) शाहजहां को पूरी दुनिया उनके बेपनाह मोहब्बत के लिए जानती है। जिन्होंने अपनी पत्नी शाहजहां की याद में ऐतिहासिक ताजमहल बनवा दिया। प्रेम की इस अनमोल निशानी को देखने लिए सात संमदर पार से रोजाना विदेशी लोग आगरा आकर इसका दीदार करते हैं। लेकिन प्यार की ऐसी ही एक अनोखी मिसाल एक शख्स ने पेश की है। जिन्होंने ने अपने पत्नी के लिए दूसरा ताजमहल की तरह दिखने जैसा घर बनवाकर तोहफे में दिया है। जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।

मुगल सम्राट शाहजहां और मुमताज महल के प्रेम का गवाह बुरहानपुर शहर दोनों की अमिट यादों को अपने आंचल में सहेजे हुए हैं। यहां पर शाही महल, शाही हमाम, आहूखाना जैसी ऐतिहासिक धरोहरों में आज भी इनके प्रेम की यादें बसी हैं। दोनों के प्रेम की दास्तां काफी प्रसिद्ध है। शाहजहां ने मुमताज की याद में आगरा में जो ताजमहल बनाया है वह दुनिया के सात अजूबों में से एक है, लेकिन वहां के जैसा हुबहू ताजमहल बुरहानपुर में भी अब बन गया है। बुरहानपुर के आनंद प्रकाश चौकसे ने अनोखे अंदाज में अपनी पत्नी मंजूषा को ताजमहल की प्रतिकृति भेंट की । उन्होंने कहा कि यह 4 बेडरूम का घर ‘प्यार के स्मारक’ का प्रतीक है और यह मेरी पत्नी के लिए है।

इस घर में शांति और सकारात्मकता है। मालूम हो कि यह ताजमहल जैसा घर को बनाने में तीन साल का वक्त लगा है। इस घर में चार बेडरूम, एक किचन, लाइब्रेरी, मेडिटेशन रूम तक है। इस पूरे घर का क्षेत्रफल मीनार सहित 90X90 का है। ताजमहल जैसे घर में एक बड़ा हॉल भी बनवाया गया है।

इस ऑलीशान घर की फ्लोरिंग राजस्थान के मकराना और फर्नीचर मुंबई के कारीगरों से तैयार करवाया गया है। अंदर की नक्काशी बंगाल और इंदौर के कारीगरों ने की है तो फर्नीचर सूरत और मुंबई के कलाकारों ने बनाया है।

जानकारी हो कि प्यार की अनोखी इबारत लिखने वाले यह शख्स बुरहानपुर के के शिक्षाविद आनंद प्रकाश चौकसे हैं। जिन्होंने अपनी पत्नी मंजू चौकसे के लिए ताज महल जैसे 4 बेडरूम का घर बनवाया है। इस घर को इस तरह से डिजाइन किया और ऐसी लाइटिंग लगाई गईं है कि रात के अंधेरे में यह एकदम अगरा वाले ताजमहल की तरह चमकता है। दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि यह ताजमहल ही है।

ताजमहल जैसा घर बनवाले के लिए पहले आनंद चौकसे और उनकी पत्नी मंजूषा चौकसे आगरा के ताजमहल को देखने गए। उसका बारीकी से अध्ययन किया और फिर इंजीनियरों को ताजमहल जैसा ही घर बनाने को कहा। इसके बाद इंजीनियर प्रवीण चौकसे ने भी आगरा जाकर ताजमहल का बारीकी से अवलोकन किया। इसके बाद ऐसा डिजाइन तैयार की कोई यह नहीं कह सके कि यह ताजमहल नहीं है।

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