देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी के सीएम पद के प्रत्याशी एवं वरिष्ठ नेता कर्नल (से.नि.) अजय कोठियाल ने प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी पर हवाई घोषणाएं करने का आरोप लगाया। कहा कि सीएम धामी केवल उत्तराखंड की जनता को गुमराह करने के लिए एक के बाद एक घोषणाएं कर रहे हैं। धरातल पर कोई काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि धामी जी जब से सीएम बने हैं, लगातार घोषणाएं करते जा रहे। जगह जगह उन घोषणाओं के शासनादेश की बात बता कर जनता को गुमराह कर रहे हैं। आरटीआई से पता चला कि इसकी हकीकत उलट है।
आम आदमी के पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने बताया कि आज ये बात साबित हो गई कि धामी से बड़ा घोषणावीर उत्तराखंड के इतिहास में अब तक कोई नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी के आरटीआई एक्टिविस्ट हेमंत गोनियां ने सीएम की घोषणाओं को लेकर आरटीआई के जरिये जो जानकारी मांगी थी, उससे बड़ा खुलासा हुआ है। आरटीआई में जो जानकारी मिली, उससे सीएम की घोषणाओं की असलियत सामने आ गई।
कर्नल कोठियाल के मुताबिक, आरटीआई की जानकारी के अनुसार, सीएम धामी ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही अब तक 1090 से ज्यादा घोषणाएं कर चुके हैं, लेकिन अभी तक मात्र 163 घोषणाओं के शासनादेश जारी किए। यानी सीएम धामी केवल जनता को घोषणाएं करके गुमराह करने का काम कर रहे हैं। हेमंत गोनिया द्वारा मांगी गई जानकारी में 4 जुलाई से 3 दिसंबर तक सीएम धामी ने अब तक 1090 घोषणाएं की। इसमें से महज 163 पर शासनादेश जारी हुआ। यानी अब तक केवल लगभग 15 फीसदी घोषणाओं पर शासनादेश जारी हुआ।
उन्होंने बताया कि सीएम धामी ने लोकनिर्माण विभाग में सबसे ज्यादा 237 घोषणाएं की। सिर्फ 11 के शासनादेश अब तक जारी हुए। शहरी विकास में सीएम ने 176 घोषणाएं की। इनमें केवल चार पर शासनादेश जारी हुए। सिंचाई में 143 घोषणाओं में केवल 16 पर शासनादेश जारी हुए। इन आंकड़ों से साफ है कि सीएम धामी जनता को गुमराह करने के लिए केवल घोषणाओं का लंबा चौड़ा अंबार लगा रहे हैं, जबकि हकीकत इससे कोशो दूर है।
कर्नल कोठियाल ने कहा कि हम जिस बात को लगातार कहते आए हैं। उसी बात को फिर दोहराते हुए सीएम धामी से कहते हैं। जनता को गुमराह करने के लिए, घोषणाएं करने की जगह बेरोजगारी पर #KuchKarDhami, महिला सुरक्षा पर #KuchKarDhami, भू-कानून पर #KuchKarDhami। उन्होंने कहा कि अब चुनाव नजदीक हैं तो सीएम धामी घोषणाओं का अंबार लगा रहे हैं और जनता के बीच जाकर शासनादेश जारी होने की बात कहकर उत्तराखंड की जनता से छलावा कर रहे हैं।