देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक ट्वीट के बाद से उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दरअसल, बीते दिन पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी में कुछ ऐसे मगरमच्छ है जो उन्हें आगे नहीं बढ़ने देना चाहते यही नहीं अपने पार्टी के तमाम नेताओं पर उन्होंने आरोप भी लगाए थे जिसके बाद से ही मामले ने तूल पकड़ा और कांग्रेस आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को दिल्ली में तलब कर लिया।

हालांकि, जहां एक और कांग्रेस आलाकमान आगामी चुनाव के मद्देनजर इस मामले को और तूल नहीं देना चाहता। इसके लिए आलाकमान, लगातार इस बाबत कोशिश कर रहा है कि मामले को जल्द से जल्द सुलटाने के साथ ही सभी नेताओं को एकजुट किया जाए ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में इसका लाभ मिल सके। जहा, एक ओर आलाकमान इस मामले को सुलटाने में जुड़ा हुआ है तो वही दोनों गुटों के नेता भी आपस में भीड़ कर और फजीहत कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है।

 

दरअसल, शुक्रवार को कांग्रेस मुख्यालय में हरीश रावत और प्रीतम सिंह गुट के नेता आपस में भिड़ गए। यही नहीं, वाद विवाद बढ़कर हाथापाई तक पहुंच गया। हरीश रावत गुट ने प्रीतम सिंह रावत के गुट के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने हरीश रावत को लेकर अभद्र टिप्पणी की थी जिसके चलते वह उनसे बातचीत कर रहे थे लेकिन उनके बार-बार टिप्पणी करने के चलते दोनों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। हालांकि, इस हाथापाई में कांग्रेस महामंत्री राजेंद्र शाह को हल्की फुल्की चोट आई है।

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