देहरादून: उत्तराखंड 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी तैयारियों पर लगे हुए हैं और जो लोग चुनाव लड़ना चाहते हैं वह भी अब अपनी दावेदारी खुलकर सामने जता रहे हैं। इसी के तहत चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी अपने क्षेत्रों में अब सक्रिय भी हो गए हैं।

लेकिन इस बीच एक बड़ी खबर यह है कि चुनाव सर गर्मियों के बीच उत्तराखंड की शिक्षक राजनीति में भी खासी हल-चल है सरकारी स्कूल शिक्षकों के दूसरे सबसे बड़े संगठन के प्रदेश महामंत्री डॉ सोहन सिंह मंजिला चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है तो दूसरी ओर अशासकीय स्कूल शिक्षकों के संगठन माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने भी रुड़की सीट के लिए ताल ठोक दी है। बकौल मंजिला स्थानीय स्तर पर लोगों की मांग है कि मैं कब को का प्रतिनिधित्व करूं यदि क्षेत्र की जनता चाहेगी और भाजपा नेतृत्व टिकट देता है तो  मैं सरकारी सेवा से वीआरएस ले लूंगा।

प्रदेश के माध्यमिक शिक्षक के बीच अपनी अलग कार्यप्रणाली के लिए जाने जाने वाले मंजिला भाजपा की विचारधारा के करीब माने जाते हैं। महाराष्ट्र के राज्यपाल उत्तराखंड के पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी के परिवार से जुड़े मंजिला काफी समय से सक्रिय भी हैं। राजकीय शिक्षक संघ प्रदेश के शिक्षकों में पेशी के बाद दूसरा सबसे बड़ा संगठन है। मंजिला की सक्रियता शिक्षकों के बीच खासी चर्चा का विषय बनी हुई है। कब कपकोट के कुछ स्थानीय लोग और भाजपा पदाधिकारी ने मंजिला के समर्थन में सीएम पुष्कर सिंह धामी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक प्रदेश संगठन महामंत्री अजेय कुमार आदि को पत्र भी भेजे हैं। इधर माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने भी रुड़की सीट से टिकट के लिए जमीन आसमान एक किए हैं। उनका कहना है कि वह भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं टिकट के लिए दावा करना मेरा अधिकार है।

 

संघ नेता चौबीसा

१.जय शिक्षक संघ ज्ञान के सागर , तुम्हरी महिमा लोक उजागर I
२.भक्त लगाए तुम्हरा जयकारा , सर पकड़ रोये शिक्षक बेचारा I
३.संवर्गवाद को तुम देत बढ़ावा , क्षेत्रवाद पे फिर सबको उलझावा I
४.गुटबाजी में निपुण प्रवीना , मुद्दों का अब निकले पसीना I
५.तुम अफसर संग सेटिंग लगाए , फिर मंत्री संग पेंग बढाए I
६.काम एक न तुम करवायो , मंत्री संग फोटो बहुत खिंचवायो I
७.एलटी वाद का लट्ठ चलावा , सीटीवाद की जब सीटी बजावा I
८.प्रवक्तावाद का पिलाया पव्वा , शिक्षक एकता हो गयी हव्वा I
९.तुम एक्ट को गड्ढे में फेंका , फिर मंत्री सन्मुख घुटने टेका I
१०.विकट रूप धरी हड़ताल करायो , पूंछ दबा साईन कर आयो I
११.तुम्हारो मन्त्र जब चमचा माना , अटैच हुए सब जग जाना I
१२.बीस सूत्री के हो तुम रखवारे , नित मंत्री के पैर पखारे I
१३.एक सूत्र का न निकले जीओ , वादे सब अब घोल के पीओ I
१४.अपने हित खर को बोले बाबा , वोटन खातिर फिर खोले ढाबा I
१५. मामा दुवारे तुम रखवारे , होत न काम अब बिन पैसा रे I
१६.संघ में फैलाए बहुत गुटबाजी , तुम खुद मुल्ला तुम खुद क़ाज़ी I
१७. चुनाव विनाशक सदस्य निवारा , शिक्षक करे सब अब हाहाकारा I
१८.तुम हड़ताल में तो बहुत दहाड़ा , नित नई शर्ट तुम फाड़ा
१९. परमोशन की बात करी कुछ ऐसी , हो गयी सबकी ऐसी की तैसी I
२०.सुगम दुर्गम सब तुम्हरे तेते , शिक्षक भैया फिर भी न चेते I
२१. तुम बने अब मंत्री के तोता , शीश पकड़ सब शिक्षक रोता ।
२२.तुम्हे न कोऊ भय सताता , अपने भक्तन के तुम पितु और माता I
२३.संगठन को बहुत बिठायो भट्टा , चेले तुम्हारे भांजे फिर अब लट्ठा I
२४.जीतन को तुम बहुत जोर लगावा , उसके बाद शकल न दिखावा I

दोहा –
मुट्ठी भींच भृकुटी तान , बाहर कहो जोर से ललकार I
अंदर जा फिर सौदा करो , हाथ जोड़ के हो तैयार I I संघवीर नेता जी की जय

भक्तो …सारे बोलो –जोर से बोलो –मिलकर बोलो – जयकारा नेता जी का ,बोल सच्चे गुटबाज की जय

चौबीसा – चरमसंत मिर्ची वाले बाबा

(नोट – उक्त चौबीसा और अधोचेपित फोटुओं का आपस में कोई संबंध नहीं है.. सब पृथक पृथक हैं जी… कसम से)
मुकेश प्रसाद बहुगुणा दुर्गम में तैनात शिक्षक की पोस्ट से

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