देहरादून: राज्य में चुनाव के दृष्टिगत एक ही जनपद में पिछले तीन वर्षों से अधिक से जब में था अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश को चुनाव आयोग एवं मुख्य सचिव महोदय द्वारा दिया गया था तथा ऐसे लोग जो की अपने गृह जनपद में तैनात हैं उनके भी स्थानांतरण के आदेश दिए गए थे किन्तु परिवहन विभाग में ऐसे आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए मन माफ़िक़ स्थानांतरण परिवहन सचिव डॉक्टर रंजीत सिन्हा द्वारा किए गए हैं इससे क्षुब्ध होकर ऐसे 34 अधिकारियों की शिकायत चुनाव आयोग से की गई है जोकि पिछले तीन वर्षों से अधिक एक ही ज़िले में नियुक्त हैं।
अथवा गृह जनपद में तैनात है किन्तु उक्त शिकायत पर भी कोई कार्यवाही अभी तक कि अभी नहीं दिखाई देती है पर परिवहन सचिव अधिकारियों से मोटा पैसा लेकर उनकी नियुक्ति तबादला नियम विरुद्ध कर रहे हैं इसकी बानगी श्री चंद्रप्रकाश वरिष्ठ सहायक के स्थानांतरण आदेश से देखी जा सकती है जिनका स्थानांतरण बागेश्वर से उधम सिंह नगर किया गया है।
वह वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात नियुक्त हैं तथा उनका नियुक्ति अधिकारी व परिवहन आयुक्त होता है तथा उनके स्थानांतरण का का अधिकार भी परिवहन आयुक्त को ही है ऐसे में जबकि प्रदेश में शून्य सत्र लागू है आदर्श आचार संहिता लागू होने के पश्चात इनका स्थानांतरण बैक डेट में शासन द्वारा किया गया है जो कि परिवहन विभाग में किए जा रहे भ्रष्टाचार का एक उदाहरण है।
ये तो अभी छोटे छोटे मामले हैं बड़ा खेल तो अभी होना बाक़ी है प्रदेश के परिवहन विभाग को निजी हाथों में सौंपने की पूरी तैयारी कर ली गई है आचार संहिता की आड़ में इसमें बड़ा खेल हो रहा है शीघ्र ही आपको देखने को मिल सकता है कि वाहनों की फ़िटनेस तथा ड्राइविंग लाइसेंस का कार्य प्राइवेट सेक्टर को दे दिया जाएगा जो पार्टियां इसमें इंटरेस्टेड हैं वे आज कल परिवहन सचिव के आस पास दिखाई दे रही है तथा पैसे का मोटा होने जा रहा है ॥
इससे विभाग में तैनात संभागीय निरीक्षकों में भारी रोष है अतःइनको संतुष्ट करने के लिए ऐसे कार्यालयों में जहाँ ARTO तैनात नहीं है इन्हें प्रभारी ARTO बनाने की तैयारी चल रही है इस संबंध में शासन ने विभाग से प्रस्ताव भेजने हेतु कहा गया है।
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जबकि विभाग में पहले से ही इन से उच्च पद पर तैनात परिवहन अधिकारी कार्य कर रहे हैं।किन्तु परिवहन सचिव इन संभागीय निरीक्षकों से मोटा पैसा लेकर इन्हें प्रभारी ARTO बनाना चाह रहे हैं और अपने से उच्च अधिकारियों के ऊपर नियुक्त करना चाह रहे हैं जोकि पूरी तरह नियम विरुद्ध है इस कारण परिवहन अधिकारी माननीय न्यायालय में जाने की तैयारी भी कर रहे हैं