देहरादून: उत्तराखंड के जिस चुनावी रण में पिता को पराजय मिली थी, उसी रण में बेटियों ने विधानसभा चुनाव जीत कर पिता की हार का बदला ले लिया। पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवनचंद्र खंडूड़ी (सेनि.) की बेटी ऋतु खंडूड़ी लगातार दूसरी बार विधायक बनीं। इस बार उन्होंने कोटद्वार से चुनाव जीता। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने पहली बार हरिद्वार ग्रामीण से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।

 

बीसी खंडूड़ी की बेटी ऋतु खंडूड़ी ने पहली बार 2017 में यमेश्वर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और विधायक बनीं। लेकिन इस बार भाजपा ने यमकेश्वर सीट से उनका टिकट काट दिया। बाद में उन्हें अचानक कोटद्वार विधानसभा सीट से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा गया। उनके सामने इस सीट पर पिता की हार का बदला लेने की बड़ी चुनौती थी।

ऋतु खंडूड़ी ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी को किया पराजित
वर्ष 2012 में पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूड़ी इस सीट से चुनाव हार गए थे। उन्हें कांग्रेस के सुरेंद्र सिंह नेगी ने हराया था। इस बार ऋतु खंडूड़ी ने कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी को पराजित कर पिता की हार का बदला लिया है। 2017 के चुनाव में कोटद्वार विधानसभा सीट पर भाजपा से पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने चुनाव जीता था, लेकिन चुनाव के ऐन वक्त पर कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों से पहले भाजपा ने हरक सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने पहली बार हरिद्वार ग्रामीण सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है। हालांकि कांग्रेस से मुख्यमंत्री के दावेदार माने जा रहे उनके पिता हरीश लालकुआं से चुनाव हार गए। 2017 के चुनाव में हरीश रावत ने किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों ही सीटों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस बार कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत ने चुनाव जीतकर पिता की हार का बदला ले लिया है।

बेटी जीती पिता हारे, पिता जीते, बेटा हारा 

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के नतीजे रोचक रहे हैं। इस बार चुनावी रण में कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लालकुआं और उनकी बेटी अनुपमा रावत ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा। जबकि चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य ने नैनीताल सीट से चुनाव लड़ा।

लेकिन अनुपमा रावत भाजपा के कब्जे में रही हरिद्वार ग्रामीण सीट को भेदने में कामयाब रहीं। अनुपमा ने इस सीट पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को हराया। जबकि पूर्व सीएम हरीश रावत चुनाव हार गए। वहीं, कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने बाजपुर सीट से जीत हासिल की, जबकि उनके बेटे संजीव आर्य अपनी सीट नहीं बचा पाए।

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