देहरादून: जिस शिक्षा के मंदिर में अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य तलाशते हैं जिस मंदिर में सरस्वती को पूजा जाता है और जिंदगी की पहली सीड़ी जिस स्कूल से शुरू होती है। और जिन शिक्षकों पर अभिभावकों का अटूट विश्वास होता है कि हमारा बच्चा आगे चलकर कुछ बड़ा बने या यूं कहें कि किसी बड़े पदों पर विराजमान हो और अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अभिभावक कोई कमी नहीं छोड़ता है। और कई अभिभावक ऐसे हैं जो अपने पेट काटकर भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं कि आगे चलकर उनका बच्चा उनका नाम रोशन करें। लेकिन जब उसी शिक्षा के मंदिर में शिक्षक ही शराबी हो तो कैसे तो बच्चे का भविष्य बनेगा और क्या वह बच्चे सीखेंगे।

ताजा मामला विकासखंड थलीसैंण पौड़ी का है। जहां शराब पीकर नौंटकी करने और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले शिक्षक पर गाज गिर गई है। सोशल मीडिया पर विकासखंड थलीसैंण के प्राथमिक विद्यालय कुणेथ के प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार का शराब पीकर स्कूल संचालित करने का वीडियो वायरल हुआ था। वीडियो में देखा जा सकता था कि किस तरह नशे में धुत शिक्षक बच्चों और अभिभावकों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ था। वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग ने प्रधानाचार्य प्रदीप कुमार को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है।

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार ग्राम प्रधान मनवर सिंह ने वीडियो संदेश के माध्यम से बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत ब्लॉक शिक्षा अधिकारी थलीसैंण और पौड़ी के मुख्य शिक्षा अधिकारी से भी की, लेकिन दोनों की ओर से प्रधानाचार्य पर अभी तक कोई भी अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई है। जिससे ग्रामीण अपने बच्चों के भविष्य को लेकर बेहद चिंतित और आशंकित हैं। अगर जल्द शराबी प्रधानाचार्य का तबादला नहीं हुआ तो स्कूल में बचे बच्चों का भी नाम अभिभावक कटा लेंगे। जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग के अधिकारियों की होगी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आ गया। विभाग ने शिक्षक को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया है।

आपको बता दें कि प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार साल 2008 से इस स्कूल में नियुक्त हैं, लेकिन इनकी शराब की लत से परेशान होकर कई अभिवावकों ने अपने बच्चों का नाम स्कूल से कटवा लिया है और अब स्कूल में सिर्फ 47 छात्र रह गये हैं। आरोपी प्रधानाचार्य पूर्व में स्कूल में ही निवास करता था, लेकिन शराब पीकर ग्रामीणों के साथ हंगामा करने पर साल 2018 में ग्रामीणों ने उसे स्कूल में नहीं रहने दिया। तब से स्कूल सहायक अध्यापक विनोद चौहान की देखरेख में चल रहा था। प्रदीप की शराब पीने की लत से बच्चे और उनके अभिभावक काफी परेशान थे।

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