देहरादून : कांग्रेस को प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के लिए अभी इंतजार करना पड़ सकता है। अगले विधानसभा सत्र से पहले ही इस पद पर चयन के संकेत हैं। अगला विधानसभा सत्र जून में होने की संभावना है।

उत्तराखंड में पांचवीं पांचवीं विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस हाईकमान सोच-विचार की मुद्रा में है। बीती 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के पांच दिन बाद ही पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से गणेश गोदियाल का इस्तीफा ले चुकी है।

इसके बाद से नेता कांग्रेस विधायक दल और प्रदेश अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाया है। बीते मार्च माह के अंतिम सप्ताह में हुए विधानसभा सत्र से पहले और अब तक नेता विधायक दल का चयन नहीं हुआ है। कांग्रेस विधायक दल के नेता को ही नेता प्रतिपक्ष का पद भी मिलना है।

इस चयन में होने वाली देरी को देखते हुए ही पार्टी नेताओं को अंदेशा है कि अब अगले विधानसभा सत्र तक ही इस संबंध में निर्णय लिया जा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर पार्टी नए तरीके से क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साध सकती है।

पार्टी के सामने आगे लोकसभा चुनाव की चुनौती है। दो वर्ष बाद होने वाले इस चुनाव को ध्यान में रखकर ही इन दोनों पदों के चयन पर मंथन चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस के स्थायी अध्यक्ष का चयन जून माह के बाद जुलाई में होने के आसार हैं। इस दौरान पार्टी सदस्यता अभियान से लेकर बूथ स्तरीय सक्रिय सदस्यों के चयन में जुटी हुई है।

उधर, इन दोनों पदों का चयन टलने के अंदेशे से पार्टी में बेचैनी भी देखी जा रही है। संपर्क करने पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष पद पर चयन के बारे में राष्ट्रीय नेतृत्व को निर्णय लेना है।

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