देहरादून: उत्तराखंड के लोगों को याद होगा कि जिस दिन भगत सिंह कोश्यारी को महाराष्ट्र राज्य का राज्यपाल मनोनीत होने की घोषणा हुई उन्होंने राज्यपाल पद की शपथ लेने से पहले भारतीय जनता पार्टी के देहरादून कार्यालय जाकर अपनी पार्टी की सदस्यता निलंबित करवा दी ताकि उन पर संवैधानिक पद पर रहकर पार्टी पॉलिटिक्स करने के आरोप ना लगे राजनीति के क्षेत्र में जो लोक परंपराएं नियम कायदे कानून है वह भी कहते हैं कि संवैधानिक पदों की गरिमा बरकरार रहनी चाहिए।

उत्तराखंड की छठी विधानसभा अध्यक्ष कोटद्वार से विधायक रितु खंडूरी आज फिर से चर्चाओं में है रितु खंडूरी भारतीय जनता पार्टी के नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी की बेटी है।

रितु खंडूरी 2017 में यमकेश्वर विधानसभा से चुनकर आई थी और इस बार कोटद्वार से जीतने के बाद उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष का पद संवैधानिक पद है और संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति से अपेक्षा की जाती है कि वह पार्टी पॉलिटिक्स से दूर रहकर उस पद की गरिमा बनाए रखें जिस पर वह विराजमान है।

किंतु पहले दिन से ही रितु खंडूरी को भारतीय जनता पार्टी का विधानसभा अध्यक्ष के रूप में देखा जा रहा है अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय जनता पार्टी के बैनर के सामने उनके कई फोटोग्राफ और वीडियो आए।

आज विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने खुद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से मुलाकात के बाद फोटो जारी की जाहिर है जो विधानसभा अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के लोगों के साथ इस प्रकार खड़े हो उनसे सदन के भीतर उस पद की गरिमा बनाए रखने और शेष दलों और निर्दलीय विधायकों के साथ सम्मयक न्याय करना बेहद कठिन हो जाता है उम्मीद है भारतीय जनता पार्टी और रितु खंडूरी दोनों ही इस संवैधानिक पद की मर्यादा बनाए रखेंगे और सभी के साथ न्याय का अध्यक्ष का पद अपना मान सम्मान बनाए रखेगा।

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