देहरादून: भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के प्रति भारी स्नेह आज फिर देखने को मिला जब नाथूराम गोडसे की जयंती पर टिहरी से भाजपा के बुद्धि प्रकोष्ठ के नेता प्रमोद उनियाल ने गोडसे की शान में कसीदे खड़े प्रमोद उनियाल द्वारा गांधी के हत्यारे के लिए की गई चरण वंदना आने वाले वक्त में क्या गुल खिलाएगी इस पर सबकी निगाहें रहेंगी देखिए क्या लिखा है प्रमोद उनियाल ने

🚩 नाथूराम विनायक गोडसे 🚩महाराष्ट्र में पुणे के बारामती गाँव में *19 मई 1910* को चितपावन ब्राह्मण परिवार में जन्मे नाथूराम गोडसे के बचपन का नाम *रामचंद्र* था। चूँकि बचपन में इनके माता-पिता ने इनकी *नाक छिदवा दी* थी और उसमें एक छल्ला भी पहना दिया था इसी वजह से इनका पुकारू नाम *नाथूराम पड़* गया। बाद में यही नाम प्रचलन में आ गया। वह हिन्दू महासभा के सदस्य थे । वह भारत के *स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी जी के परम सहयोगी रहे*। परंतु देश के विभाजन को लेकर वह मानते थे कि गांधी जी ने भारत के विभाजन के दौरान भारत के मुसलमानों की राजनीतिक मांगों का समर्थन किया था, और शायद यही कारण रहा होगा कि देश के विभाजन से क्षुब्ध नाथूराम ने *30 जनवरी 1948* को नई दिल्ली में बिंदु रिक्त सीमा पर गांधी को तीन बार सीने में गोली मार दी थी। एक साल तक चले मुकदमे के बाद, गोडसे को *8 नवंबर 1949* को मौत की सजा सुनाई गई थी। गांधी जी के दो पुत्रों, *मणिलाल गांधी और रामदास गांधी* द्वारा *सजा कम करने की दलीलें दी गईं, लेकिन उन्हें भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, उपप्रधानमंत्री वल्लभभाई पटेल और गवर्नर-जनरल चक्रवर्ती राजगोपालाचारी द्वारा ठुकरा* दिया गया। गोडसे को *15 नवंबर 1949* को *अंबाला सेंट्रल जेल* में फांसी दी गई थी। स्वत्रंता के बाद वह पहले व्यक्ति थे जिनको शूली पर चढ़ाया गया था। वह एक समाजसेवी, पत्रकार व राष्ट्रवादी सोच के व्यक्ति थे।


सुप्रभात जी। भारत माता की जय, वन्देमातरम🚩🚩
जिस प्रकार महात्मा गांधी के हत्यारे की सरेआम चाटुकारिता की गई है आने वाले वक्त में भारतीय जनता पार्टी के यह नेता गांधी जयंती पर क्या करते हैं यह भी देखने योग्य होगा

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