देहरादून: देवस्थानम बोर्ड भंग करने और दोबारा से बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अस्तित्व में आने के बाद जिस प्रकार से चार धाम यात्रा चरमराई हुई है उस पर तो सवाल खड़े हो ही रहे हैं लेकिन नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र भट्ट जो कि अपना नाम अजेंद्र अजय लिखते हैं पर गंभीर आरोप लगाए हैं

यशपाल आर्य का आरोप है कि अजेंद्र भट्ट उर्फ अजेंद्र अजय अपने परिवार के और रिश्तेदारों को न सिर्फ मंदिर समिति में नियम कायदे कानूनों के विरुद्ध भर्ती कर रहे हैं बल्कि नियम विरुद्ध उन्हें दूसरी प्रकार से भी लाभान्वित किया जा रहा है

यशपाल आर्य का आरोप है कि बद्रीनाथ केदारनाथ जैसे पवित्र धामों के नाम पर बनी मंदिर समिति में इस प्रकार के अनैतिक कार्य नहीं होने चाहिए
भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार ने मंदिर समिति में पहले नौकरियों को रेवडियों की तरह बांटा नियम विरुद्ध प्रमोशन किये और अब अपने परिवार और रिश्तेदारों को वेतन वृद्धि का भी लाभ देने का अनैतिक काम किया है
जिस मंदिर समिति के खुद के बनाए नियम सर्वोपरि होते हैं वहां आज भारतीय जनता पार्टी के लोग सारे नियम कायदे कानूनों को धता बताकर काम कर रहे हैं
यशपाल आर्य का आरोप है कि अजेंद्र भट्ट उर्फ अजेंद्र अजय ने 14 मई 2022 को अपने परिजन अनिल भट्ट जोकि स्वयंसेवक के रूप में मंदिर समिति में रखे गए हैं का वेतन 14203 से बढ़ाकर 22, 770 कर दिया साथ ही अपने रिश्तेदार को स्वयंसेवक से लिपिक पद पर प्रमोशन भी दे दिया इसके बाद जब वहां तैनात कर्मचारियों ने आपत्ति की तो अजेंद्र भट्ट उर्फ अजेंद्र अजय को अपने रिश्तेदार के पक्ष में लिया निर्णय वापस करवाना पड़ा

अजेंद्र भट्ट उर्फ अजेंद्र अजय की तैनाती से लेकर उनकी वेतन वृद्धि जैसे तमाम निर्णय बताते हैं कि मंदिर समिति में आज किस प्रकार नियम कायदे कानून और परंपराओं को ध्वस्त किया जा रहा है और संभवत इसीलिए देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर उसे समाप्त किया गया देखना है कि नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य द्वारा अजेंद्र भट्ट पर लगाए गए आरोप का उत्तराखंड सरकार संज्ञान लेकर क्या कार्यवाही करती है

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