रुद्रप्रयाग : केदारनाथ यात्रा में घोड़े-खच्चर संचालित करने वाले दो खच्चर स्वामियों पर पशु क्रूरता के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया गया कि खच्‍चर के बीमार होने के बावजूद उस पर यात्री को ढुलावाया जा रहा था। जबकि दूसरे खच्चर पर क्षमता से अधिक भार ले जा रहा था। दोनों के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।

वहीं केदारनाथ यात्रा में संचालित घोड़े-खच्चरों की मृत्यु होने पर उन्हें सही ढंग से न दफनाने के मामले को जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। वहीं पशु मालिक की ओर से मृत पशु को उचित तरीके से न दफनाने पर संबंधित पशु मालिक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. आशीष रावत ने बताया कि यात्रा मार्ग पर संचालित हो रहे घोड़े-खच्चरों की मृत्यु के बाद उन्हें उचित तरीके न दफनाने की सूचना इंटरनेट मीडिया के माध्यम से प्रचारित की जा रही है। जबकि, इस संबंध में पशु चिकित्सा अधिकारियों को पूर्ण जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

उन्होंने घोड़े-खच्चरों के मालिकों से अनुरोध किया कि यदि यात्रा मार्ग पर चलते समय उनके घोड़े-खच्चर की मृत्यु हो जाती है तो इस संबंध में तत्काल नजदीकी पशु चिकित्साधिकारी से संपर्क करते हुए मृत पशु के फोटो टैग सहित सूचना पशु चिकित्साधिकारी/ सेक्टर अधिकारी को उपलब्ध कराएं। ऐसा न करने की दशा में मृत पशु के बीमे से संबंधित कार्रवाई में कठिनाई होगी।

साथ ही मृत पशु को उचित तरीके से दफनाने में अनावश्यक विलंब से बीमारी फैलने का भी भय है। उन्होंने निर्देश दिए कि इस मामले में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

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