रुड़की: मां और छह साल की मासूम से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले चारों आरोपियों का केस लड़ने से वकीलों ने भी इनकार कर दिया है। दिल्ली से आए दो वकीलों ने जब मामले को सुना तो केस लड़ने से इनकार किया तो लौट गए। बताया जा रहा है कि अब आरोपियों के परिजन हरिद्वार, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के वकीलों के संपर्क में हैं।

रुड़की में मां-बेटी से सामूूहिक दुष्कर्म की घटना के मामले में शुक्रवार को आरोपियों को हरिद्वार स्थित पोक्सो कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस के अनुसार आरोपियों के परिजन पहले से ही केस लड़ने के लिए दिल्ली से दो वकीलों को लेकर हरिद्वार पहुंचे थे। पेशी के दौरान ये वकील मौजूद रहे।

बताया जा रहा है कि आरोपियों के परिजनों ने वकीलों को बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म की घटना की जानकारी नहीं दी थी। महिला से दुष्कर्म में चारों की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी। कोर्ट में आरोपियों के अपराध का पता चला तो वकीलों ने केस लड़ने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि केस लड़ने से इनकार के बाद वकील दिल्ली लौट गए।

पुलिस का कहना है कि बच्ची की हालत में बहुत सुधार हो गया है। बच्ची अब मां से अच्छी तरह से बातचीत भी कर रही है। ऐसे में एक या दो दिन के बाद बच्ची के भी बयान दर्ज हो सकते हैं। पुलिस की एक्सपर्ट टीम बच्ची के बयान दर्ज करेगी ताकि बच्ची के बयान को सही से समझा जा सके और कोर्ट में मजबूत सबूत के तौर पर इन्हें पेश किया जा सके। वहीं, इस मामले में बच्ची की मां के पहले ही बयान दर्ज हो चुके हैं।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई मां-बेटी से सिविल अस्पताल में पहुंचकर मुलाकात की। साथ ही उनके स्वास्थ्य के बारे में सीएमएस से जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने मां-बेटी को आश्वासन दिया कि महिला आयोग उनके साथ है और किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

शुक्रवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल रुड़की सिविल अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने सीएमएस डॉ. संजय कंसल से बच्ची और मां के बारे में जानकारी ली। इसके बाद वह वार्ड में पहुंची और मां-बेटी से मुलाकात की। सीएमएस ने बताया कि बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है। इस दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि मां-बेटी के पुनर्वास के लिए जिलाधिकारी से वार्ता की जाएगी। साथ ही दोनों को नारी निकेतन भेजने पर विचार किया जा रहा है। कहा कि मां-बेटी के साथ हुई घटना एक जघन्य अपराध है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी। महिला आयोग की ओर से मां-बेटी की पूरी सहायता की जाएगी।

 

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