खटीमा: देवहा नदी के किनारे भैंस चराने गए 11 साल के बच्चे को मगरमच्छ के पानी में खींचकर ले जाने की घटना के तीसरे दिन यूपी के अमरिया क्षेत्र में पौटा डैम से उसका शव बरामद हुआ। यूपी पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पीलीभीत भेज दिया। बच्चे की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बीते रविवार की शाम को यूपी सीमा से सटे गांव मेहरबान नगर की मीना देवी पत्नी स्व. शोभा प्रसाद का 11 वर्षीय बेटा वीर सिंह देवहा नदी किनारे भैंस चरा रहा था। भैंस के नदी में घुसने पर वीर उसे बाहर लाने के लिए नदी में चला गया था जहां एक मगरमच्छ ने उसे पानी के भीतर खींच लिया था।

ग्रामीणों ने जाल डालकर एक मगरमच्छ को बाहर निकाला था लेकिन जांच में उस मगरमच्छ के पेट में कोई मानव अंश नहीं मिला था। वहीं लाठी-डंडों के वार से घायल मगरमच्छ ने बाद में दम तोड़ दिया था। इधर, मंगलवार को परिजन और ग्रामीण देवहा नदी में बालक की खोजबीन में जुटे थे।

इसी बीच, यूपी के अमरिया क्षेत्र के धुंधरी गांव के पास पौटा डैम में ग्रामीणों को बच्चे का शव फंसा दिखाई दिया। ग्रामीणों की सूचना पर परिजन और अमरिया थाने की पुलिस घटनास्थल पहुंचे।

पुलिस ने बालक के शव को बाहर निकलवाया। परिजनों ने शव की शिनाख्त वीर सिंह के रूप में की। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल पीलीभीत भेजा गया। एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि बच्चे का एक पैर और एक हाथ मगरमच्छ ने खाया है।

वन विभाग ने मगरमच्छ की मौत के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। खटीमा वन क्षेत्र के रेंजर राजेंद्र सिंह मनराल ने बताया कि मगरमच्छ की मौत के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ वन्यजीव जंतु संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज कराया गया है। मगरमच्छ शेड्यूल-1 की श्रेणी में आता है। मामले की जांच पड़ताल की जा रही है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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