देहरादून: बुधवार देर रात से शुरू हुई बारिश गुरुवार तड़के थमी, लेकिन भूस्खलन और मलबे से बदरीनाथ हाईवे सहित चमोली की 21 सड़कें बंद हो गई है। वहीं उत्तराखंड में मौसम विज्ञान केंद्र ने आज देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में आंधी के साथ तेज बारिश की संभावना जताई है। हालांकि अभी तक प्रदेश में मौसम साफ है।

चमोली जनपद में बारिश से 21 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। बदरीनाथ हाईवे टैय्या पुल और लामबगड़ के समीप खचड़ा नाले में देर रात से ही बंद पड़ा हुआ है। यहां बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) की जेसीबी मशीनें हाईवे खोलने में जुटी हुई हैं। वहीं बिरही-निजमुला सड़क के अवरुद्ध होने से निजमुला घाटी के गांवों में भी वाहनों की आवाजाही थम गई है। पोखरी, थराली, देवाल, कर्णप्रयाग, गौचर  में भी सड़कें बंद होने से ग्रामीणों को लंबी दूरी तय करनी पड़ी रही है।

उधर, ऋषिकेश बदरीनाथ राजमार्ग सिरोहबगड़ में सुबह से बंद है। अन्य वैकल्पिक मोटर मार्गों से यातायात संचालित हो रहा है। बीते एक सप्ताह से सिरोहबगड़ में आए दिन राजमार्ग बंद हो रहा है। प्रभावित क्षेत्र में हाईवे लगभग दो किमी बदहाल है। हाईवे से जुड़े अन्य संपर्क मोटर मार्गों का भी बुरा हाल है।

मसूरी शहर में भी देर रात को हुई बारिश से मसूरी -देहरादून मार्ग पर जगह-जगह मलबा आ गया। गलोगी के पाया सड़क पर गिरे भारी बोल्डरों और मलबे को लोनिवि ने जेसीबी मशीन लगाकर हटाया।
प्रदेश में बंद सड़कों को खोलने के लिए लोनिवि की ओर से 396 मशीनों (जेसीबी, पोकलैंड, रोबोट) को लगाया गया है। बुधवार शाम पांच बजे तक विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार चार राष्ट्रीय राजमार्ग समेत कुल 155 बंद सड़कें बंद थीं। इनमें से 64 सड़कों को खोल दिया गया था। जबकि 91 सड़कों को खोलने का काम जारी था। बुधवार को चार राष्ट्रीय राजमार्ग भूस्खलन के कारण बंद हो गए। इनमें एनएच 707 त्यूणी-चकराता-मसूरी-चंबा-टिहरी-मलेथा मार्ग, एनएच 94 धरासू बैंड से फूलचट्टी के पास, एनएच-07 कलियासौड़ से खांकरा के बीच और एनएच-107 रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड के बीच बंद हो गया। समाचार लिखे जाने तक चारों एनएच को खोलने का काम जारी था। इसके अलावा 12 राज्य मार्ग, छह प्रमुख जिला मार्ग, चार अन्य जिला मार्ग, 52 ग्रामीण सड़कें और 77 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हो गईं।

उधर, उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, उत्तरकाशी-टिहरी-घनसाली-मयाली- तिलवाड़ा राज्य मोटर मार्ग में किमी 137 में भारी मलवा आने के कारण 21 मीटर स्पान स्टील गार्डर सेतु क्षतिग्रस्त हो गया। संबंधित अधिशासी अभियंता की ओर से बताया गया है कि उक्त स्थान पर 30 मीटर स्पान बैली ब्रिज का निर्माण करने की आवश्यकता होगी। इसमें लगभग 25 दिन का समय लग सकता है। इसके लिए यातायात को वैकल्पिक मार्ग से डायवर्ट किए जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को को निर्देशित किया गया है। वही कड़ी मशक्कत के बाद कई हाईवे प्रशासन द्वारा खोल दिए गए हैं।

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