गैरसैंण: गैरसैंण स्थाई राजधानी की मांग को लेकर युवा फिर सड़कों में उतरने लग गए हैं। यानी कि धीरे-धीरे अब राजधानी की मांग को लेकर जन आक्रोश बढ़ने लगा है। देर शाम एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में भारी संख्या में युवाओं ने गैरसैंण बाजार में मशाल जुलूस निकाला और धामी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। यूं तो राज्य बनने के बाद से ही गैरसैण स्थाई राजधानी को लेकर बड़े बड़े आंदोलन होते रहे हैं। लेकिन सरकारों ने गोल मटोल करते हुए गैरसैंण को हमेशा राजनीतिक तौर पर देखा है। लेकिन जिस तरीके से युवाओं में फिर से आक्रोश बढ़ रहा है। कहीं ना कहीं आने वाले दिनों में यह आंदोलन बड़ा रूप भी ले सकता है।

मशाल जुलूस निकालने के बाद मोहन भंडारी ने बताया कि उनकी सरकार से क्या-क्या मांगे हैं। आप भी पढ़िए….

एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी के नेतृत्व में एक मशाल जुलूस निकाला गया। यह मशाल जुलूस ब्लॉक स्थित शहीद स्मारक से गैरसैंण तहसील तक निकाला गया। इस मशाल जुलूस के दौरान छात्र और युवाओं ने मुख्य बाजार में धामी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

मोहन भंडारी ने बताया की युवाओं में सरकार के खिलाफ आक्रोश है कि …..
● भाजपा सरकार गैरसैंण को स्थाई राजधानी क्यों घोषित नहीं किया जाता क्या उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में दो दो राजधानियों का कोई औचित्य है।
● गैरसैंण को जब ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया गया है तो यहां अभी तक SDM, तहसीलदार और डॉक्टरों की नियुक्ति क्यों नहीं की गई।
● ग्रीष्मकालीन राजधानी में ग्रीष्मकाल में सत्र क्यों नहीं चलाया गया।
● जब राजधानी का ये हाल है तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा।

इन्ही सभी मुद्दों को लेकर युवाओं और क्षेत्रीय जनता में आक्रोश है।

मोहन भंडारी ने आगे कहा की ,“ यदि सरकार जल्द इस और ध्यान नहीं देती है तो आने वाले दिनों में मजबूरन युवाओं को गैरसैंण के समस्त सरकारी दफ्तरों में मजबूरन तालाबंदी करनी पड़ेंगी। जिसकी समस्त जिम्मेदारी इस सोयी हुए भाजपा सरकार की होगी ”

इस मशाल जुलूस में गौरव मोनू, संजय कुमार, प्रकाश गौड़, संजय नेगी, हिमांशु शाह, दर्शन पंवार, प्रकाश खत्री, कुलवीर सिंह, पंकज रावत, हिमांशु, राजीव सिंह, सतेंद्र सिंह, राजेश रावत, सुरेंद्र रावत, अनिल सिंह, सुनील सिंह आदि मौजूद रहे।

अब देखना है कि गैरसैंण को लेकर धामी सरकार क्या कदम उठाती है। इस पर सबकी निगाहें रहेंगी। लेकिन जिस तरह से मुख्यमंत्री रहते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया था। और उसके बाद अभी तक ना तो कोई भी सत्र गैरसैंण में चला और ना ही ग्रीष्मकालीन राजधानी को लेकर एक भी कदम सरकार ने आगे नहीं बढ़ाया। जिसको लेकर अब युवा सड़कों में उतरने लग गए हैं। आने वाले दिनों में क्या सरकार बड़ा कदम राजधानी को लेकर उठाएगी या फिर गैरसैंण राजधानी को लेकर जन आक्रोश बड़ा रूप लेगा यह आने वाला वक्त बताएगा।

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