देहरादून: आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल में बंद पूर्व आईएएस अफसर रामबिलास यादव के ट्रस्ट को करोड़ों की संपत्तियां दान में मिलीं। विजिलेंस की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है। गाजीपुर और लखनऊ सहित कई शहरों में उनकी संपत्तियों की जांच में दान का खुलासा होने के बाद विजिलेंस की टीमें उनको मिले दान और दानदाताओं की विस्तार से जांच में जुट गई हैं।

सीओ-विजिलेंस अनुषा बडोला के अनुसार, विजिलेंस की कई टीमें पूर्व आईएएस अफसर की संपत्तियों की नाप-जोख और मूल्यांकन के लिए विभिन्न शहरों में जुटी हुई हैं। इस बीच, गाजीपुर में जांच के दौरान पता चला कि रामबिलास ने स्वर्गीय रामकरण दादा मेमोरियल नाम से जो ट्रस्ट बनाया, उसके पास करोड़ों की संपत्तियां हैं।

ट्रस्ट को ये संपत्तियां लोगों ने दान में दी हैं। लिहाजा, विजिलेंस टीमों ने अपनी जांच में इन संपत्तियों को भी जोड़ दिया है। दूसरी ओर, विजिलेंस की पूछताछ में रामबिलास खुद यह बात कह चुके हैं कि संपत्तियां कहां से आईं, यह उन्हें भी नहीं पता। इनमें उनकी बेटी के खाते में जमा कराए गए 15 लाख रुपये भी शामिल हैं।

शुरुआती जांच में सामने आया कि रामबिलास के एनजीओ को जमीनें दान में मिलीं। अब इसकी विस्तार से जांच की जा रही है।

रामबिलास की पत्नी कुसुम भी महिला चेतना समिति नाम से लखनऊ में एनजीओ चलाती हैं। इसके तहत महिला उत्थान सहित कई काम किए जाते हैं। इसके अलावा वे एक स्कूल में मैनेजर भी हैं। यह स्कूल भी रामबिलास का बताया जाता है। विजिलेंस कुसुम के एनजीओ की भी जांच में जुट गई है।

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