अल्मोड़ा :  अल्मोड़ा जिले में बच्चों के साथ अमानवीयता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जंगल में कुछ लोगों ने बच्चों को जबरन लीसे नहला दिया। जिससे बच्चों की बच्चों की आखों में सूजन आने के साथ जलन शुरू हो गया है। लीसा डामर की तरह लसीला ज्वलनीश पदार्थ होता है। घटना का वीडयो वायरल होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है।

मामला अल्मोड़ा जिले के देघाट क्षेत्र का है। बच्चों के सिर पर जबरन लीसा डालने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन में हड़कं मच गया है। एसडीएम शिप्रा जोशी ने मामले के जांच के आदेश दिए हैं। बाल आयोग के समक्ष भी मामला रखा जाएगा। घटना को लेकर स्थानीय लोगों में भारी रोष है। खानपुर के विधायक उमेश कुमार ने इंटरनेट पोस्ट के जरिए सीएम पुष्कर धामी से भी मामले का संज्ञान लेने की मांग की है।

अल्मोड़ा जिले के स्याल्दे तहसील के ग्राम गुरना में पांच बच्चे जंगल की तरफ खेल रहे थे। ठेकेदारों ने चीड़ के पेड़ से लीसा निकालने के लिए गमले लगा रखे थे। इस दौरान बच्चों से कुछ गमले निकल गए। इस दौरान लीसा ठेकेदार की ओर से रखे गए एक नेपाली श्रमिक ने बच्चों को गमलों से खेलते हुए पकड़ लिया। श्रमिक और उसके साथी ने बच्चों को धमकाना शुरू किया।

 

बच्चों को श्रमिकों ने फटकार लगाई। इसके बाद पशुता दिखाते हुए बच्चों से उनके सिर पर जबरन लीसा डलवाया गया। सिर से चेहरे तक पहुंचे लीसे से उनकी आंखों में सूजन आ गई और जलन हो होने लगी। इस घटना का आरोपितों ने खुद वीडियो भी बनाया। बुधवार से वीडियाे वायरल होना शुरू हुआ। मामले में दोनों पक्षों में पूर्व में समझौता हो गया था। इधर मासूमों के साथ इस तरह की अमानवीय घटना से लोगों में आक्रोश है।

कुछ दिन पुराना मामला सामने तब आया जब इंटरनेट मीडिया में इसका वीडियो वायरल होने लगा। बताया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने वाला आरोपित नेपाली श्रमिक उन्हीं पीड़ित बच्चों का पड़ोसी है। और दोनों पक्षों का समझौता हो गया है। लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद से अब मामला फिर से गरमाने लगा है। इसके लिए प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं।

एसडीएम स्याल्दे शिप्रा जोशी ने बताया कि वायरल वीडियो से मामला सामने आया है। पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली जा रही है। राजस्व पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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