उत्तराखंड में इन दिनों बेरोजगारों के साथ हुए छल की खबरें चरम पर है।
UKSSSC का विवाद चरम पर है तकरीबन दो दर्जन लोग गिरफ्तार हो चुके हैं इस बीच मुख्यमंत्री कार्यालय के कुछ लोगों के परिजनों की विधानसभा में बैक डोर से हुई भर्ती का मामला थी गर्म हो गया है।

इस बैक डोर भर्ती ने भारतीय जनता पार्टी की अंदरूनी राजनीति में चल रही कलह को भी सामने लाने का काम किया है भाजपा का एक बड़ा धड़ा चाहता है कि हर हाल में सीबीआई जांच हो तो दूसरा नहीं चाहता कि विवाद आगे बढ़े इस पूरे खेल में भारतीय जनता पार्टी के कई नए पुराने लोग बाहर और भीतर से एक दूसरे पर हमलावर हैं।


पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी रहे नंदन सिंह बिष्ट की पत्नी के विधानसभा में बैक डोर से भर्ती होने के बाद नंदन सिंह के भाई देवेंद्र बिष्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के मीडिया सलाहकार रहे रमेश भट्ट की संपत्ति और आय की जांच की मांग की है।


देवेंद्र बिष्ट समय-समय पर पुष्कर सिंह धामी के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में देखे जाते रहे हैं रमेश भट्ट के जलवे त्रिवेंद्र रावत सरकार में लोगों ने तब भी देखें जब सलाहकार रहते हुए रमेश भट्ट ने कई पत्रकारों की नौकरियां खाने का काम किया और जिस स्थान पर रमेश भट्ट ने जमीन खरीदी वहां तत्कालीन सरकार ने करोड़ों रुपए का पुल बनवाया देवेंद्र बिष्ट द्वारा किए गए इस ताजा हमले के बाद भारतीय जनता पार्टी की राजनीति किस दिशा में बढ़ती है तमाम सरकारी भर्तियों के साथ विधानसभा में हुई बैक डोर भर्ती की आंच किन-किन को जलाती है। यह देखने वाली बात होगी असल बात यह है कि देवेंद्र बिष्ट द्वारा त्रिवेंद्र सरकार किस सलाहकार पर किया गया यह हमला क्या आने वाले वक्त में पुष्कर सिंह धामी और त्रिवेंद्र सिंह के बीच कुछ चल रहे की आग को हवा देता है या फिर आग बुझा दी जाएगी यह देखने वाली बात होगी।

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