देहरादून: विधानसभा बैक डोर भर्ती में मुख्यमंत्री कार्यालय के ओएसडी पीआरओ उनके परिजन मंत्रियों के रिश्तेदार संघ कार्यालय का बैक डोर भर्ती में शामिल होना इन सब में सरकार के बुरी तरह झुलस जाने के बाद आखिरकार सरकार ने अपनी फेस सेविंग के लिए कल दो कदम उठाएं। पहला मुख्यमंत्री की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को एक प्रार्थना पत्र भेजा गया जिसमें बैक डोर भर्ती की जांच की बात लिखी गई और दूसरी UKSSSC के पूर्व सचिव संतोष बडोनी को निलंबित किया गया।

यह दोनों फैसले तब लिए गए जब खटीमा में पुष्कर सिंह धामी को हराने वाले भुवन कापड़ी ने नैनीताल हाईकोर्ट में UKSSSC भर्ती घोटाले को लेकर याचिका दायर की उनका दावा है कि सरकार की जांच एसटीएफ कैसे करेगी जहां सरकार खुद ही जांच के दायरे में है। उनकी ओर से सीबीआई जांच की मांग के बाद जिस प्रकार का शोर सोशल मीडिया में बढा उसके बाद सरकार के यह दो फैसले आने वाले वक्त में कितना कारगर होंगे यह तो समय तय करेगा लेकिन यह दोनों फैसले बताते हैं। कि युवाओं के साथ जिस प्रकार का छल सरकारों द्वारा किया जा रहा है उससे उत्तराखंड में एक बड़े आंदोलन की भूमि तैयार होती नजर आ रही है।

देखना है कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल गोविंद सिंह कुंजवाल हरबंस कपूर यशपाल आर्य और प्रकाश पंत द्वारा की गई सैकड़ों की बैक डोर भर्ती पर वास्तव में कुछ ठोस निकल कर आता है। या फिर लीपापोती कर बेरोजगारों के साथ एक बार फिर छल किया जाता है गौरतलब है कि सरकार में शामिल मंत्री और संगठन के बड़े लोग इस बैक डोर भर्ती घोटाले में शामिल हैं।

संतोष बडोनी के निलंबन के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि बडोनी के पाप में बराबर के भागीदार तत्कालीन अध्यक्ष एस राजू के खिलाफ सरकार कब और क्या कार्यवाही करेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here