देहरादून: उत्तराखंड में बैकडोर भर्ती घोटाले को लेकर अब सियासत अलग ही मोड पर चल निकली है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के ओ एस जी पी आर ओ के परिजनों के बैक डोर भर्ती में शामिल होने को विधानसभा अध्यक्ष ने अलग मोड़ दे दिया है।

पुष्कर सिंह धामी ने 2 दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष के नाम भर्ती घोटाले की जांच को लेकर एक पत्र लिखा उसके बाद आज जब विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने एक एक्सपर्ट कमेटी गठित की तो पुष्कर सिंह धामी ने रितु खंडूरी को धन्यवाद दिया लेकिन इस पूरे प्रकरण में रितु खंडूरी ने बड़ी राजनैतिक लाइन खींचते हुए पुष्कर सिंह धामी की बजाए सारा श्रेय नरेंद्र मोदी को देकर बड़ी राजनीतिक चतुराई दिखाई

राजनीतिक पंडित इसे आपदा में अवसर बता रहे हैं पढ़िए रितु खंडूरी की पोस्ट जहां दूर-दूर तक उसका सिंह धामी का नाम नहीं है
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“#सबके_साथ_न्याय_होगा

उत्तराखण्ड विधानसभा प्रदेश का सर्वोच्च सदन है, इसकी गरिमा को बनाये व बचाये रखना मेरा दायित्व ही नहीं, मेरा कर्तव्य भी है।

एक बात मैं स्पष्ट रूप से प्रदेशवासियों को और खासतौर पर उत्तराखण्ड के युवा वर्ग को कहना चाहूँगी, वह आश्वस्त रहें, मैं किसी को भी निराश नहीं करूँगी, सबके साथ न्याय होगा।

मेरे लिये सदन की गरिमा से ऊपर कुछ भी नहीं है इसको बनाए रखने के लिये कितने ही कठोर व कड़वे निर्णय लेने हों, मैं पीछे नहीं हटूगी। विधान सभा परिसर लोकतन्त्र का मंदिर है। अध्यक्ष होने के नाते किसी भी प्रकार की अनियमितता एवं अनुशासनहीनता मुझे स्वीकार्य नहीं है। विधान सभा व प्रदेश के हित में मुझे जितने भी रिफॉर्म्स विधान सभा में करने पड़े मैं उसके लिये तैयार हूँ।

मेरे सार्वजनिक जीवन की शुरूआत माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के व्यक्तित्व से प्रभावित होकर हुई। मुझे याद है उन्होंने कहा था “ना खाऊंगा ना खाने दूंगा” इसी ध्येय को मैंने भी अपने जीवन में उतारा है।

मीडिया व अन्य विभिन्न स्रोतों से विधान सभा सचिवालय में कार्मिकों/अधिकारियों की विधि एवं सेवा नियमों के विरुद्ध नियुक्तियों / पदोन्नति के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के आधार पर जनहित में मैंने आज दो बड़े निर्णय लिये हैं।

1. विशेषज्ञ जांच समिति गठित की गयी है जिसमें (क) श्री दिलीप कुमार कोटिया (अध्यक्ष) (ख) श्री सुरेन्द्र सिंह रावत सदस्य एवं (ग) श्री अवनेन्द्र सिंह नयाल सदस्य हैं। सभी पूर्व कार्मिक सचिव हैं एवं प्रदेश के वह इस मामले के विशेषज्ञ हैं। इसके साथ-साथ यह भी निर्देश दिया है कि विशेषज्ञ समिति अधिकतम एक माह के भीतर अपना प्रतिवेदन, जांच रिपोर्ट / सुझाव उपलब्ध करायेगी।

2. दूसरा निर्णय यह किया है कि वर्तमान विधान सभा सचिव (श्री मुकेश कुमार सिंघल) तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक अवकाश पर रहेंगे। उक्त अवकाश की अवधि में विशेषज्ञ समिति, श्री मुकेश कुमार सिंघल सचिव को जांच में सहयोग हेतु उपस्थित होने के लिये जब-जब कहेगी तो उन्हें ऐसे निर्देशों का पालन करना होगा।
रितु खंडूरी विधानसभा अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी का यह माइंड गेम आने वाले दौर में उत्तराखंड की राजनीति में क्या गुल खिलाएगा इस पर सबकी निगाह रहेंगी फिलहाल आम जनमानस की उम्मीद बैक डोर भर्ती पर कड़े निर्णय की है।

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