देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने  प्रश्न पत्र लीक घोटाले में शामिल एक कंपनी को शुक्रवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह बताने को कहा कि उसे ब्लैकलिस्ट क्यों नहीं किया जाना चाहिए। आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के दो कर्मचारी – जयजीत दास और अभिषेक वर्मा प्रश्न पत्र लीक मामले के सिलसिले में विशेष कार्यबल (एसटीएफ) द्वारा गिरफ्तार किए गए दो दर्जन से अधिक लोगों में शामिल हैं।

यूकेएसएसएससी के सचिव सुरेंद्र सिंह रावत द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, “ मामले में चल रही जांच आपकी कंपनी की संलिप्तता को दर्शाती है जिसने परीक्षाएं आयोजित की थीं और जिनके प्रश्नपत्र लीक हुए थे।”

यूकेएसएसएससी ने कहा कि घोटाले में कंपनी की भूमिका गंभीर अपराध की श्रेणी में आती है और उसे एक सप्ताह में इस बात का जवाब देने को कहा गया है कि उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए और कंपनी को ब्लैकलिस्ट क्यों नहीं किया जाना चाहिए।

भर्तियों को लेकर मचे बवंडर के बीच सरकार ने गुरुवार देर रात बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के निवर्तमान सचिव संतोष बडोनी को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। संतोष बडोनी को सरकार ने कुछ दिन पहले आयोग के सचिव पद से हटा दिया था।

आयोग पर हुई पहली कार्रवाई भर्ती घोटाले में सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अफसर पर पहली बड़ी कार्रवाई की। अभी तक भर्ती घोटाले में एसटीएफ करीब 31 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। लेकिन आयोग के अफसरों पर कोई सीधी कार्रवाई नहीं हुई थी।

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