देहरादून: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विस्तार में हुई मुलाकात के बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देर शाम देहरादून पहुंचे। इस दौरान उनके चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी।  पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से जेपी नड्डा और पीएम नरेंद्र मोदी से हुई लंबी मुलाकात के बारे में बात की।त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहद विस्तार में बातचीत हुई। वह इस मुलाकात से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के कई महत्वपूर्ण विषय पर उनसे फीडबैक लिया। उन्होंने भी अपनी बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने रखी।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि पीएम मोदी से हुई 45 मिनट की इस बातचीत में सबसे ज्यादा चर्चा उत्तराखंड के पर्यावरण को संरक्षण करने और जीवाश्म फ्यूल पर कम से कम निर्भर रहने पर बातचीत हुई। पीएम नरेंद्र मोदी का भी यह विषय बेहद प्रिय है। ऐसे में इस विषय पर उत्तराखंड के तमाम अवसर और विकल्पों को लेकर के विस्तार में चर्चा की गई।

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि UKSSSC पेपर लीक मामले को लेकर पीएम मोदी से चर्चा हुई। पीएम मोदी ने मामले में अब तक की कार्रवाई को लेकर कहा कि भर्तियों के मामले में हुई अनियमितता को लेकर के राज्य सरकार काम कर रही है। जांच में कई लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। निश्चित तौर से यह कार्रवाई बेहद अच्छी तरह से की जा रही है। वहीं विधानसभा भर्ती घोटाले पर भी उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बेहद सही तरीके से इस मामले में एक्शन लिया है।

दिल्ली में हुई पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात के बाद भी भर्ती घोटालों को लेकर के त्रिवेंद्र रावत के जो बयान थे, उनमें तब्दीली नहीं है। दिल्ली में आलाकमान से मुलाकात करने बाद भी त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई थी। जब तक वह मुख्यमंत्री रहे तब तक किसी भी तरह के आरोप सरकार पर नहीं लगे। उनका कहना है कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग लगातार भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है। इस आयोग को बंद कर देना चाहिए। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी आभार जताया कि उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं को अब लोक सेवा आयोग से कराने की बात कही है

अपने तमाम पुराने बयानों पर कायम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने किसी भी तरह से नियुक्तियों में हुई इन अनियमितताओं को लेकर के गोलमोल बात नहीं कही। वह शुरू से ही तटस्थ हैं। उन्होंने कहा कि हाकम सिंह के साथ उनका भारतीय जनता पार्टी का नाम जोड़ा जा रहा था, जिससे कि त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कभी भी मना नहीं किया।

त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह भी कहना है कि हाकम सिंह रावत ने अगर गलत काम किया है, तो उसकी सजा उसको मिलेगी। इसी के चलते पार्टी ने उसे तत्काल प्रभाव से निष्कासित किया है। किसी भी तरह से जांच में भी उसके लिए कोई सहानुभूति किसी को नहीं है। अगर कोई व्यक्ति किसी गलत कृत्य में संलिप्त पाया जाता है, तो वह उस व्यक्ति की गलती है ना कि पार्टी की।

त्रिवेंद्र सिंह रावत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात के बाद दिल्ली से लेकर देहरादून तक सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। कोई इसे आने वाले समय में त्रिवेंद्र रावत को एक बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने का संकेत बता रहा है, तो कोई इसे विधानसभा भर्ती घोटाले में बड़ा एक्शन होने का संकेत बता रहा है। हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत अपनी इस मुलाकात में इन तरह की सभी चर्चाओं से इंकार कर रहे हैं।

पर्यावरण पर हुई बातचीत को चर्चा का विषय बता रहे हैं, लेकिन इस बात में कोई दोराय नहीं है कि बीजेपी के आलाकमान ने पहले विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से मुलाकात की। उसके बाद तत्काल प्रभाव से प्रेमचंद अग्रवाल को तलब किया गया है और फीडबैक लिया गया। जिससे ये अंदेशा है कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड का सियासी माहौल गरमा सकता है।

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