हरिद्वार:  हरिद्वार जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन के आखिरी दिन भाजपा, कांग्रेस, बसपा सहित अन्य दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। गुरुवार को कुल 258 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए। जिला पंचायत सदस्य की 44 सीटों पर तीन दिनों में कुल 585 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया है। रिटर्निंग ऑफिसर बृजेश तिवारी ने बताया कि जिला पंचायत परिसर में कुल तीन नामंकन केंद्रों में 258 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं।

भाजपा समर्थित उम्मीदवारों में औरंगाबाद सीट से विमलेश चौहान, सलेमपुर महदूद द्वितीय सीट से मीनाक्षी, सलेमपुर महदूद प्रथम सीट से मंजू देवी, बुड्ढाहेड़ी सीट से प्रताप सिंह, गढ़मीरपुर सीट से अमित सैनी आदि ने नामांकन पत्र दाखिल किया। कांग्रेस समर्थित उम्मीदवारों में कोटवाल आलमपुर सीट से शिवकांत सिंह, लक्सर सीट से बालेश्वर सिंह, लिब्बारेहड़ी सीट से सीपी सिंह, अलावलपुर सीट से आदेश कटारिया समेत अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया। बसपा से सलेमपुर महदूद प्रथम सीट से किरन, मेवड सीट से योगेश कुमार और अन्य ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। निर्दलीय उम्मीदवार भी बड़ी संख्या में नामांकन पत्र दाखिल कराने पहुंचे।

नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे उम्मीदवारों के साथ बड़ी संख्या में समर्थक वाहनों से जिला पंचायत कार्यालय पहुंचे। जिला पंचायत कार्यालय के आसपास पार्किंग की कोई सुविधा नहीं की गई। पार्किंग न होने की वजह से उम्मीदवारों के समर्थक अव्यवस्थित तरीके से अपने वाहनों को सड़क पर खड़ा करके नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंच गए। सड़क पर अव्यवस्थित तरीके से खड़े वाहनों के कारण जाम की समस्या पूरे दिन बनी रही। इस कारण स्थानीय लोगों को बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। घंटों जाम में फंसी जनता के पसीने निकल गए। शिवमूर्ति चौक से लेकर देवपुरा चौक तक जाम लगा रहा।

जिला पंचायत कार्यालय में नामांकन पत्र दाखिल करने पहुंचे प्रत्याशियों के समर्थक उत्साहित नजर आए। इस दौरान समर्थकों ने उम्मीदवारों पर फूलों की वर्षा भी की।

पथरी क्षेत्र की आदर्श टिहरी नगर सीट से कांग्रेस के बागी विक्रम खरोला ने अपनी भाभी अनिता खरोला को चुनाव मैदान में उतार दिया है। उन्होने गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल कराया। विक्रम ने नाराजगी जताते हुए कहा कि विधायक अनुपमा ने उन्हें धोखे में रखा गया। अनिता खरोला पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुकी हैं। वहीं, भाजपा के बागी बलवंत पंवार ने भी गुरुवार को अपनी पत्नी सुनीता पंवार का नामांकन दाखिल कराया है। वह ग्राम प्रधान के पद पर रह चुकी हैं। उनका कहना है कि भाजपा ने उनके साथ धोखा किया है। उनका टिकट काटकर किसी ओर को दे दिया गया।

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