देहरादून: सोशल मीडिया पर वायरल हो रही आरएसएस नेताओं के रिश्तेदारों की नौकरियों से जुड़ी लिस्टों की कांग्रेस जांच कर रही है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि विभाग जाकर चेक किया जाएगा कि वास्त्व में ये लोग वहां कार्यरत हैं। यदि सच्चाई मिली तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी आंदोलन छेड़ेगी।

माहरा ने आरएसएस नेताओं की शिकायत पर पुलिस के तत्काल हरकत में आने पर गंभीर सवाल उठाए। राजीव भवन में मीडिया से बातचीत से बातचीत में माहरा ने चुनौती देते हुए कहा कि लिस्ट वायरल होने पर एफआईआर कराने की धमकियां देने वाले आरएसएस नेता अपने गिरेबां में झांक कर देखे।

विधानसभा की भर्तियों में, ओपन विश्वविद्यालय की भर्तियों में तो उनके रिश्तेदारों के नाम आए हैं।  मैंने इस विषय को प्रमुखता से उठाया है। यदि हिम्मत हैं तो करन माहरा के खिलाफ एफआईआर कराएं। रविवार को राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल लिस्ट पर जांच पड़ताल के बाद ही टिप्पणी की जाएगी।

डीजीपी पर निशाना साधते हुए माहरा ने कहा कि बीते रोज संघ नेताओं के सोशल मीडिया पर लिस्ट वायरल होने की शिकायत के बाद उन्होंने कहा कि पुलिस सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी। लेकिन जब विधानसभा के चुनाव दौरान पूर्व सीएम हरीश रावत, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी हो रही थी, तब पुलिस की सक्रियता कहां गई थी? तब तो पुलिस ने कार्रवाई करने से ही हाथ खड़े कर दिए थे।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को विस में तैनात कार्मियों से आपत्ति नहीं है। बल्कि आपत्ति उनकी नियुक्ति करने वाले जिम्मेदार लोगों से हैं। माहरा ने कहा कि जनता ने जिन लोगों को व्यवस्थाएं बनाने के लिए भेजा था, उन्होंने गलत परंपराएं स्थापित कर प्रदेश की पीठ में छुरा घोंपा है। वर्ष 2000 से अब तक की सभी भर्तियों की हाईकोर्ट के सिटिग जज की निगरानी में जांच हो। जिस जिस ने अपने विशेषाधिकार का उपयोग कर अपने चहेतों को नौकरी पर लगाया उसके खिलाफ कार्रवाई हो।

माहरा ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी है। जिस विभाग का मंत्री खुद दिल्ली में उपचार कराता हो। डीजी प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराते हैं, उस विभाग की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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