नई टिहरी : पीपीपी मोड में संचालित हो रहे फ्लोटिंग हट का संचालन नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया जा रहा था। एसडीएम की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ है, जिसके बाद अब प्रशासन फ्लोटिंग हट संचालक कंपनी ली राय के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है।

बीती पांच अक्टूबर को इंटरनेट मीडिया पर टिहरी झील स्थित फ्लोटिंग हट का एक वीडियो प्रसारित हुआ था, जिसमें फ्लोटिंग हट के शौचालय और किचन का गंदा पानी टिहरी झील में गिराया जा रहा था।

मोटर की मदद से पाइप के जरिये सीवर और गंदा पानी झील में डाला जा रहा था। मामले की शिकायत पूर्व कनिष्ठ प्रमुख कुलदीप पंवार ने डीएम डा. सौरभ गहरवार से की थी, जिसके बाद डीएम ने एसडीएम और पर्यटन विभाग को मामले की जांच के आदेश दिए थे।

आठ अक्टूबर को प्रशासन की टीम ने फ्लोटिंग हट का निरीक्षण कर जांच की और जांच रिपोर्ट डीएम को सौंप दी। डीएम डा. सौरभ गहरवार ने बताया कि जांच रिपोर्ट उनके पास आ चुकी है और उसमें फ्लोटिंग हट संचालन सही तरीके से नहीं होना पाया गया है।

 

नियमों की अनदेखी कर हट का संचालन किया जा रहा था और गंदगी को सीधा झील में डाला जा रहा था। साथ ही पर्यटन विभाग में भी फ्लोटिंग हट का रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था। अब फ्लोटिंग हट के पर्यटन विभाग के साथ हुए अनुबंध की शर्तों को देखा जा रहा है। इस मामले में अब संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

गंगा और उसके आसपास बीस कमरों से ज्यादा के होटल या रिसार्ट संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी एनओसी का प्रावधान है, लेकिन फ्लोटिंग हट संचालकों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी एनओसी नहीं ली और बिना एनओसी के संचालन कर रहे थे।

संभवत: बुधवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम फ्लोटिंग हट का निरीक्षण करेगी और उसे नोटिस जारी करेगी। संचालकों पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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