देहरादून:  पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार के स्वजन से संबंधित सोशल म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड एक बार फिर मनी लांड्रिंग और अनधिकृत वित्तीय गतिविधियों के दायरे में आ गई है।

शासन के निर्देशों के क्रम में पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी है। अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डा वी मुरुगेशन ने आर्थिक अपराध शाखा को जांच सौंपने के संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के औद्योगिक सलाहकार रहे केएस पंवार से संबंधित सोशल म्युचुअल बेनिफिट कंपनी लिमिटेड पर पहले भी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।

यहां तक कि दिसंबर 2020 में विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जम कर हंगामा किया था। यद्यपि, उस समय सरकार ने इन तमाम आरोपों को सिरे से नकार दिया था। तब यह कहा गया था कि आरबीआइ ने इस मामले को स्पष्ट कर दिया है।

इसके बाद यह प्रकरण लगभग समाप्त हो गया था। इस बीच कुछ माह पहले एक बार फिर इस कंपनी के खिलाफ मनी लांड्रिंग को लेकर शासन में शिकायत दर्ज की गई।
आरोप लगाया गया कि कंपनी अनधिकृत वित्तीय गतिविधियों में शामिल है। कंपनी ने बड़े पैमाने पर काले धन को वैध किया है। इस शिकायत पर शासन ने सितंबर में पुलिस मुख्यालय को इसकी जांच करने को कहा।

पुलिस मुख्यालय द्वारा की गई प्रारंभिक जांच के बाद इसकी विस्तृत विशेष जांच की संस्तुति की गई। इस क्रम में अपर सचिव, गृह रिद्धिम अग्रवाल ने इस मामले की जांच अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन आर्थिक अपराध शाखा से यथाशीघ्र कराने की अपेक्षा करते हुए पुलिस मुख्यालय को पत्र भेजा।
इस क्रम में अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था डा वी मुरुगेशन ने यह जांच आर्थिक अपराध शाखा को सुपुर्द कर दी है।
इस कंपनी में मेरी कोई भागीदारी नहीं है। यह परिवार जनों से संबंधित कंपनी है। वैसे भी इसकी जांच पूर्व में दो बार हो चुकी है। पुलिस भी पहले इसकी जांच कर चुकी है। अब ऐसा लग रहा है कि कोई जबरन इस प्रकरण को उठा कर हम पर निशाना साधना चाहता है।
केएस पंवार, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में औद्योगिक सलाहकार

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