रुद्रप्रयाग: गर्भगृह स्वर्णमंडित होने के बाद केदारनाथ धाम की सुरक्षा व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। अब यात्राकाल के साथ ही शीतकाल में भी धाम पुलिस और श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति की निगरानी में रहेगा।

धाम में पूरे शीतकाल के लिए एक सब इंस्पेक्टर समेत 12 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जबकि, पुलिस उपाधीक्षक गुप्तकाशी इस अवधि में फाटा से सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखेंगे। साथ ही सीसीटीवी कैमरों से भी धाम की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रखी जाएगी।

इस बार बीते 27 अक्टूबर को मंदिर के कपाट बंद होने से पूर्व करीब 30 किलो सोने से धाम के गर्भगृह को स्वर्णमंडित कर दिया गया था। इसे देखते हुए मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने शासन से धाम की सुरक्षा बढ़ाने का अनुरोध किया था। इसी कड़ी में सरकार ने मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव का निर्णय लिया।
पूर्व के वर्षों में धाम के कपाट बंद होने के कुछ समय बाद तक ही पुलिस वहां तैनात रहती थी। इसके बाद भारी बर्फबारी होने पर पुलिसकर्मी गौरीकुंड लौट आते थे और यहीं से धाम की सुरक्षा पर नजर रखी जाती थी।

लेकिन, अब गर्भगृह स्वर्णमंडित होने के कारण 12 पुलिसकर्मी नियमित रूप से शीतकाल के लिए धाम में तैनात किए गए हैं। रोस्टर के हिसाब से एक महीने बाद अन्य पुलिस कर्मियों को वहां भेजकर इन्हें धाम से वापस बुला लिया जाएगा।

इसके अलावा मंदिर समिति के कर्मचारी भी रोस्टर के हिसाब से धाम में नियमित ड्यूटी देंगे। इसके अलावा अब धाम में शीतकाल के दौरान भी विद्युत आपूर्ति सुचारू रहेगी।

साथ ही पेयजल व राशन की व्यवस्था भी मंदिर समिति की ओर से की गई है। पुलिस उपाधीक्षक दीपक रावत ने बताया कि शीतकाल के दौरान धाम में ड्यूटी देना किसी चुनौती से कम नहीं है। बावजूद इसके पुलिस पूरी मुस्तैदी से यह जिम्मेदारी निभाएगी।

पुलिस के अनुसार केदारनाथ धाम में वर्ष 1996, वर्ष 2006 व वर्ष 2007 में चोरी की तीन घटनाएं हो चुकी हैं। वर्ष 1996 में मंदिर के ऊपर का कलश गुम हो गया था, जिसका आज तक पता नहीं चला।

जबकि, वर्ष 2007 में गुम हुआ कलश बाद में मंदिर से लगभग दो किमी दूर मंदाकिनी नदी के किनारे बरामद हुआ। वहीं, वर्ष 2006 में मंदिर का ताला तोड़कर वहां से चांदी की प्लेट व अन्य सामग्री चोरी हो गई थी। इसका भी आज तक कुछ पता नहीं चला।

 

वर्ष 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद वर्ष 2014 से लेकर वर्ष 2018 तक सब इंस्पेक्टर विपिन पाठक के नेतृत्व में पुलिस धाम में तैनात रही। इस दौरान 15 फीट तक बर्फ और माइनस 20 डिग्री तापमान में भी पुलिस कर्मियों ने वहां ड्यूटी दी।

दरअसल, वर्ष 2014 के बाद केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू हो गए थे, जो शीतकाल के दौरान भी जारी रहे। इसी के मद्देनजर शीतकाल के दौरान भी पुलिस वहां तैनात रही। हालांकि, वर्ष 2018 के बाद बीते वर्ष तक अधिक बर्फबारी होने पर पुनर्निर्माण कार्य बंद कर दिए जाते रहे हैं। ऐसे में पुलिसकर्मी भी गौरीकुंड लौट आते थे।

मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि शीतकाल के दौरान धाम में तैनात सभी पुलिस कर्मियों और मंदिर समिति के कर्मचारियों के लिए विद्युत, पेयजल, राशन आदि की व्यवस्था कर दी गई है। पुलिस कर्मियों के रहने की व्यवस्था मंदिर के पास ही की जा रही है। धाम में नियमित विद्युत आपूर्ति लिए ऊर्जा निगम के कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है।

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