देहरादून: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए सरकार की ओर से 29 नवंबर से पांच दिसंबर तक की अवधि प्रस्तावित कर दिए जाने के बाद अब विधानसभा सचिवालय ने भी इस बारे में राजभवन को प्रस्ताव भेज दिया है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने इसकी पुष्टि की।

उन्होंने कहा कि राजभवन से हरी झंडी मिलने के बाद सत्र की विधिवत अधिसूचना जारी की जाएगी। सत्र देहरादून में होगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि सत्र के लिए अभी तक विधायकों की ओर से 500 से ज्यादा प्रश्न लगाए जा चुके हैं।

उधर, बदली परिस्थितियों में होने जा रहे विधानसभा सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। कानून व्यवस्था, वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, भर्ती घोटाले जैसे तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए विपक्ष रणनीति बनाने में जुटा है। सरकार भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए अपने तरकश में तीर तैयार कर रही है।
नियमानुसार छह माह की अवधि के भीतर विधानसभा का सत्र होना चाहिए। इस दृष्टि से देखें तो पिछले सत्र के हिसाब से शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से पहले होना है। इसे देखते हुए हाल में कसरत शुरू की गई।

यह बात भी हुई कि सत्र ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में हो या फिर देहरादून में। कारण यह कि मार्च 2021 के बाद गैरसैंण में कोई सत्र नहीं हुआ है। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सत्र की तिथि और स्थान के लिए रायशुमारी के मद्देनजर सर्वदलीय बैठक बुलाई।

इसमें जो राय उभरकर सामने आई, उसे सरकार को अवगत कराया गया। हाल में विपक्ष के कुछ विधायकों ने प्रतिकूल मौसम और ग्रीष्मकालीन राजधानी में शीतकालीन सत्र का हवाला देते हुए मांग उठाई कि यह सत्र देहरादून में ही आयोजित किया जाए।

यही नहीं, सरकार भी सत्र को लेकर विभिन्न माध्यमों से फीडबैक ले रही थी। हाल में विधायी विभाग की ओर से विधानसभा का सत्र 29 नवंबर से पांच दिसंबर तक देहरादून में आयोजित करने का प्रस्ताव विधानसभा को भेजा गया। विधानसभा सचिवालय ने भी इसे अनुमोदन के लिए राजभवन को भेज दिया है। संभावना जताई जा रही कि एक-दो दिन में राजभवन से इसे हरी झंडी मिल जाएगी।

शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट भी सरकार पेश करेगी। इसके अलावा कई विधेयक भी सरकार पारित करा सकती है। यद्यपि, विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद ही सत्र के कामकाज को लेकर स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इन दिनों सरकार के विरुद्ध हमलावर तेवर अपनाए हुए है। इसे उसकी विधानसभा सत्र की तैयारियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। यानी, सदन में वह सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ेगी। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने इसके संकेत दिए। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था, भर्ती घोटाले, वनंतरा रिसार्ट प्रकरण, बेरोजगारी, सीमांत क्षेत्रों की अनदेखी, गैरसैंण समेत तमाम विषयों को कांग्रेस सदन के भीतर और बाहर प्रमुखता से उठाएगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here