चमोली: सवारियों से खचाखच भरी मैक्स सामान्य गति से पल्ला- जखोला जा रही थी। कुछ लोग छत पर बैठे थे और कुछ पीछे लटके हुए थे। चढ़ाई पर ड्राइवर ने गियर बदल कर इंजन की शक्ति बढ़ाई तो सामने अचानक खच्चर आ गया। इस कारण उसे ब्रेक लगानी पड़ी। खच्चर से बचकर आगे बढ़ने के लिए उसने एक्सीलरेटर पर दबाव बढ़ाया तो वाहन आगे ही नहीं बढ़ा।”

यह आपबीती सुनाई हादसे का शिकार हुई मैक्स में सवार अजीत यादव की, जो जखोला गांव जा रहे। थे। वे जियो संचार टावर कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि इंजन बंद तो नहीं हुआ लेकिन वाहन पीछे सरकने लगा।

यह देख ड्राइवर सुबोध सिंह ने सवारियों से उत्तर कर गाड़ी रोकने के लिए पत्थर लगाने को कहा। मेरे साथ एक और सवारी उतरी और जल्दी से एक पत्थर पिछले टायर के नीचे लगा दिया। बावजूद इसके वाहन नहीं रुका और पत्थर पार कर तेजी से खाई की ओर बढ़ने लगा। यह देख तीन लोग मैक्स से कूद पड़े। उनके कूदते ही गाड़ी खाई में गिर गई।

उन्होंने बताया कि जब वाहन पीछे सरकना शुरू हुआ, तभी अगर कुछ लोग वाहन से उतर जाते तो शायद हादसा नहीं होता। उस वक्त गाड़ी में 15 लोग सवार थे। पत्थर पार करते ही गाड़ी को झटका लगा। और उसके पीछे आने की रफ्तार तेज हो गई। इस दौरान गाड़ी बेकाबू होकर खाई में गिर गई। नीचे मंजर दिल दहला देने वाला था।

गाड़ी गिरने की तेज आवाज के साथ सवार लोगों की चीख से सभी दहल गए। अजीत ने ही पुलिस को सूचना दी। पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान पहुंचे और बचाव अभियान शुरू हो गया। तब तक ग्रामीण भी पहुंच गए थे।

बता दें कि सड़क पर काम करने वाले मजदूरों ने वाहन दुर्घटना की सूचना पल्ला गांव के ग्रामीणों को दी तो ग्रामीण मौके की ओर भागे। गांव के पूर्व प्रधान मातवर सिंह रावत भी दुर्घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि सड़क पर लोग इधर-उधर दौड़कर फोन से अपने सगे-संबंधियों की कुशल क्षेम पूछ रहे थे।

जिनके परिजन जोशीमठ से इस वाहन में आ रहे थे, वे बदहवास होकर अपनों के बारे में लोगों से पूछ रहे थे। दुर्घटना के बाद अफरा- तफरी का माहौल था। उन्होंने बताया कि दुर्घटना करीब साढ़े 3 बजे हुई, इसकी सूचना तत्काल प्रशासन को दी गई।

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