चमोली: यदि आप क्रिसमस और 31 दिसंबर के जश्न के लिए औली पहुंचने का कार्यक्रम बना रहे हैं तो यहां से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर बाबा बर्फानी के दर्शनों का कार्यक्रम भी जरूर बनाएं। यहां प्राकृतिक सुंदरता के साथ ही आध्यात्म की अनुभूति होती है।

भारत-चीन सीमा पर स्थित नीती घाटी की टिम्मरसैंण गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन होने लगे हैं। यहां बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर सामने आई है जिसमें गुफा में बर्फ से शिवलिंग का आकार उभरा हुआ है। टिम्मरसैंण में बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए दूर-दूर से श्रद्धालुगण यहां पहुंचते हैं।

जोशीमठ-मलारी हाईवे पर नीती गांव के समीप तीन किलोमीटर की पैदल दूरी पर टिम्मरसैंण गुफा स्थित है और यहां दिसंबर से मार्च माह तक गुफा में बाबा बर्फानी  के दर्शन होते हैं। यहां बाबा बर्फानी शिवलिंग के आकार में उभरते हैं।

इस वर्ष मौसम साफ होने से नीती घाटी में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। कई नाले बर्फ में तब्दील हो गए हैं। टिम्मरसैंण गुफा में भी बाबा बर्फानी अपने प्राकृतिक स्वरूप में दिखने लगे हैं।

जोशीमठ-मलारी हाईवे तक वाहन से पहुंचा जा सकता है। यहां से तीन किमी पैदल यात्रा कर टिम्मरसैंण गुफा तक पहुंचकर बाबा बर्फानी के दर्शन होते हैं। मलारी में सेना के चेक पोस्ट पर अपना नाम, पता व पहचानपत्र जमा करने के बाद भक्त बाबा बर्फानी के दर्शन के लिये पहुंच सकते हैं।

सरकार की ओर से वर्ष 2019 में भक्तों को बाबा बर्फानी के दर्शन कराने की योजना बनाई थी लेकिन लगातार मौसम व सड़क मार्ग बंद होने से यहां तक यात्रा संचालित नहीं हो पाई।

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