हल्द्वानी: हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाने के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर को शहर के बनभूलपुरा क्षेत्र में 29 एकड़ रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था और अतिक्रमणकारियों को इसे खाली करने के लिए एक सप्ताह का अग्रिम नोटिस दिया था।

बनभूलपुरा के हजारों निवासियों ने अतिक्रमण हटाने का विरोध करते हुए कहा था कि इससे वे बेघर हो जाएंगे और उनके स्कूली बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। इस कदम से बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग प्रभावित होंगे। अब उच्चतम न्यायालय हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाने के उत्तराखंड उच्च न्यायालय की याचिका को चुनौती देने वाली याचिका पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा।

वहीं दूसरी तरफ मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि ‘उत्तराखंड के हल्द्वानी में बर्फीले मौसम में ही अतिक्रमण हटाने के नाम पर हजारों गरीब व मुस्लिम परिवारों को उजाड़ने का अमानवीय कार्य अति-दुःखद। सरकार का काम लोगों को बसाना है, न कि उजाड़ना। सरकार इस मामले में जरूर सकारात्मक कदम उठाए।

हमने अखबारों में (जमीन खाली करने के लिए) नोटिस दिया है। 5 पीएसी कंपनियां मौके पर तैनात हैं और तीन पीएसी कंपनियां भी आठ जनवरी तक पहुंच जाएंगी। हमने सेंट्रल पैरा मिलिट्री फोर्स की 14 कंपनियां भी मांगी हैं। करीब 4000-5000 पुलिसकर्मियों की तैनाती होगी। उत्तराखंड हाईकोर्ट का आदेश लागू होगा। हमने जनता के साथ बैठकें कीं और उनसे अदालत के आदेश का पालन करने को कहा। हमने आदेश के आसान कार्यान्वयन के लिए क्षेत्र को जोन, सेक्टर, सुपरजोन में विभाजित किया है

– डीआईजी कुमाऊं रेंज

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