नई दिल्ली: उत्तराखंड के जोशीमठ में जानमाल की सुरक्षा के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने शहर के लगभग डेढ़ किलोमीटर के भूधंसाव प्रभावित क्षेत्र को आपदाग्रस्त घोषित किया गया है। इस बीच जोशीमठ पर पीएमओ भी नजर बनाए हुए हैं। जानकारी के अनुसार, जोशीमठ पर पीएमओ आज एक उच्च स्तरीय बैठक करेगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने रविवार को कहा कि वह आज दोपहर एक उच्च स्तरीय बैठक करेगा।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा आज प्रधानमंत्री कार्यालय में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा करेंगे। जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी इस मुद्दे पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मौजूद रहेंगे। वीसी के माध्यम से उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी भी समीक्षा में शामिल होंगे।

बता दें कि पौराणिक व आध्यात्मिक स्थली और सबसे पुराना ज्योतिर्मठ जोशीमठ भूधंसाव के चलते अस्तित्व के संकट से जूझ रहा है। बदरीनाथ हाइवे पर हेलंग से मारवाड़ी तक लगभग छह स्थानों पर भूमि का धंसाव हुआ है। सेना और आइटीबीपी के आवासीय परिसरों में भी दरारें पड़ी हैं। वहीं प्रदेश सरकार ने भी इस खतरे से निपटने, प्रभावित परिवारों की सुरक्षा और उन्हें राहत देने को ताकत झोंक दी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को जोशीमठ पहुंचे और भूधंसाव वाले क्षेत्रों का दौरा किया था। प्रभावितों से मिलकर उन्हें ढाढस बंधाने के दौरान धामी भावुक हो गए। उन्होंने संकटग्रस्त परिवारों की सहायता का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएंगे। मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्यों के साथ विकास कार्यों के अनुश्रवण को शासन एवं स्थानीय स्तर पर उच्च स्तरीय समन्वय समिति गठित करने के निर्देश दिए थे।

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