चमोली : भूधंसाव से प्रभावित जोशीमठ के डेंजर जोन को खाली कराने का अभियान शुरू कर दिया गया है। एसडीआरएफ ने खतरे वाले भवनों के स्वामियों को घर खाली करने का तीन दिन का नोटिस दिया है।

वहीं घर खाली करने में मदद करने के लिए एसडीआरएफ की 60 जवानों की टीम लगाई गई है। यहां करीब 500 घरों को खाली किया जाना है। हालांकि लोग घरों को छोड़ने को राजी नहीं है, इससे जिला प्रशासन की चुनौती बढ़ी है।

जिला प्रशासन के अनुसार तीन दिन में डेंजर जोन से घर खाली नहीं करने वालों को जबरन हटाया जाएगा। उनके पुनर्वास के लिए भी व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन अब तक 129 परिवारों को डेंजर जोन से हटाकर पुनर्वासित कर चुका है।

खतरे के बाद भी आपदा प्रभावितों को राहत शिविर में भेजना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। स्थिति यह है कि खतरे के बाद भी भवन स्वामी घरों में ही जमे हैं। रविवार को जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जोशीमठ नगर के मारवाड़ी वार्ड में लोगों से अपील की कि वह असुरक्षित घरों में ना रहें और सुरक्षित स्थानों पर जाएं।

रविवार को दो और परिवारों को गुरुद्वारा जोशीमठ व आठ परिवारों को होटल द्रोणगिरी में शिफ्ट किया गया। बीते शनिवार तक 42 परिवारों को राहत कैंप में भेजा जा चुका है। अब तक कुल 52 परिवारों को राहत कैंप में शिफ्ट किया गया है।

जिला प्रशासन की ओर से आपदा प्रभावित 46 परिवारों को पांच-पांच हजार रुपये प्रति परिवार की दर से घरेलू सामान व राशन के लिए दो लाख 30 हजार रुपये के चेक वितरित किए गए।

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