जोशीमठ: भू-धंसाव के चलते जोशीमठ में हालात लगातार चिंता बढ़ा रहे हैं। जीएमवीएन का जो गेस्ट हाउस यहां आने वाले वैज्ञानिकों को ठिकाना बना था, बुधवार को उसमें भी दरारें आने से हडकंप मच गया। राहत शिविर बनाए गए संस्कृत महाविद्यालय भवनों में भी बारीक दरारें दिख रही हैं। हालांकि ये पुरानी बताई जा रही हैं। होटलों को तोड़ने की शुरुआत करने के बाद अब आवासीय भवनों को ढहाये जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस बीच बुधवार को आठ और परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया। अब तक 258 परिवारों को सुरक्षा की दृष्टि से शिफ्ट किया जा चुका है।

 

जोशीमठ में जांच के लिए आने वाले वैज्ञानिकों और अफसर गांधी मैदान के पास जीएमवीएन के वीआईपी गेस्ट हाउस में ही ठहरते थे। बुधवार की सुबह भवन में दरार दिखते ही कर्मचारियों ने इसकी सूचना चमोली के जिला पर्यटन अधिकारी को दी।

पहले गेस्ट हाउस के प्रथम तल के कक्ष संख्या 204 से 208 तक पांच कमरों की दीवार में हल्की दरारें थीं। अब देखा गया तो ये दरारें और बढ़ गईं। कमरों और कार्यालय की दीवारों पर दरारें उभरी हुई हैं। इसके निचले तल में कुछ जगह पर टाइल्स भी उखड़ने लग गई हैं। इस लिहाज से गेस्ट हाउस के पांच डीलक्स कमरे असुरक्षित हो गए हैं। जिनमें पर्यटकों को ठहराना ठीक नहीं होगा। जल्द ही इस भवन को भी असुरक्षित घोषित करने के आसार हैं।

नगर में थाने के पीछे वाले भवनों में भी दरारें आ गई हैं। बताया जा रहा है कि हाल ही में यहां दरारें आई हैं। एक पुलिस कर्मी ने बताया कि थाने के पीछे एक बड़ा गड्ढा बना हुआ है और दो दिन में यहां दरारें काफी बढ़ी हैं।

भू-धंसाव को लेकर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चमोली द्वारा जारी दैनिक रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ नगर क्षेत्र के 9 वार्ड में 849 भवन प्रभावित हुए हैं। इसमें से 181 भवन ऐसे हैं जिनको असुरक्षित जोन के अंतर्गत रखा गया है। सुरक्षा की दृष्टि से जिला प्रशासन द्वारा अब तक 258 परिवारों के 865 व्यक्तियों को विभिन्न सुरक्षित स्थानों पर अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। राहत कार्यों के तहत जिला प्रशासन द्वारा अब तक 500 प्रभावितों को 327.77 लाख रुपये की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।

प्रभावितों को अब तक 708 खाद्यान किट, 531 कंबल व 926 लीटर दूध, 55 हीटर/ब्लोवर, 79 डेली यूज किट, 48 जोड़ी जूते, 110 थर्मल वियर, 171 हाट वाटर वोटल, 458 टोपी, 280 मौजे, 149 शॉल व 262 अन्य सामग्री का वितरण राहत सामग्री के रूप में किया जा चुका है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रभावितों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिसके तहत राहत शिविरों में रह रहे 707 से अधिक लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा चुका है। प्रभावित क्षेत्रों में 51 पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण और 50 पशु चारा बैग वितरण का किया गया।

नगर के संस्कृत महाविद्यालय में भी प्रशासन ने राहत शिविर बनाया हुआ है। यहां पर 23 परिवारों को रखा गया है लेकिन इस भवन में भी दरारें आई हुई हैं। यहां रह रहे प्रभावित प्रदीप का कहना है कि यहां पर पुरानी दरारें हैं। ऐसी दरारें तो पूरे नगर में दिख रही हैं।

कुल पांच भवनों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। इसमें होटल माउंट व्यू, मलारी इन और लोक निर्माण विभाग के भवन शामिल हैं। भवनों को वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं।
हिमांशु खुराना, डीएम, चमोली

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