देहरादून: उत्तराखंड लोकसेवा आयोग 15 जनवरी को उद्यान विभाग के फॉर्म निकालने वाला था, लेकिन उससे पहले ही विभाग ने आयोग से अधियाचन वापस मंगा लिया, जिसके चलते भर्ती के फॉर्म नहीं निकल सके। विभागों का तर्क था कि उनकी सेवा नियमावली में संशोधन हो रहा है, अब सरकार के इस फैसले का बेरोजगारों ने जमकर विरोध किया है।बेरोजगारों की माने तो वो पिछले दो साल से इस भर्ती की तैयारी कर रहे हैं और जैसे ही फॉर्म निकलने वाले थे उसी समय भर्ती वापस कर दी जाती है, सबसे बड़ा धक्का तो उन अभ्यर्थियों को लग रहा है।
जिन्होंने बॉयोलोजी विषय से अपना स्नातक किया है, क्योंकि बेरोजगारों का आरोप है कि सरकार अब उद्यान विभाग से बॉयोलॉजी विषय की अनिवार्यता को खत्म कर रही है। ऐसे में बॉयोलोजी विषय वाले अब ये फॉर्म नहीं भर सकते। बेरोजगार मंच के अध्यक्ष राम कंडवाल ने कहा कि बॉयोलोजी के छात्र लंबे समय से उद्यान विभाग की भर्ती की तैयारी कर रहे थे लेकिन अचानक से नियमावली का बहाना मारकर सरकार ने विज्ञापन वापस ले लिया और अब उसमें बॉयोलोजी छात्रों के खिलाफ नियमावली बनाई जा रही है। जबकि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने जब ये फॉर्म निकाले थे तो उसमें बॉयोलॉजी वाले छात्र भी फॉर्म सकते थे।
उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही अगर विज्ञापन लोक सेवा आयोग को नहीं देती है और नियमावली बदलती है तो इसके खिलाफ हजारों युवाओं के साथ सचिवालय कूच किया जाएगा। जिसकी रणनीति चल रही है। बता दें आयोग के कैलेंडर के हिसाब से जनवरी के दूसरे सप्ताह में कृषि, पशुपालन, उद्यान विभाग में चारा सहायक, खाद्य प्रसंस्करण शाखा, शाखा वर्ग-2, सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-3 के 463 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी करना था, लेकिन इससे ठीक पहले उद्यान व अन्य विभागों ने अपने अधियाचन वापस मंगा लिए हैं। लिहाजा, फिलहाल यह भर्ती नहीं होगी। अधियाचन वापस मंगाने के पीछे विभागों ने तर्क दिया है कि उनकी सेवा नियमावली में बदलाव होना है।